
चुनावी बॉन्ड से जुड़े सभी विवरण का खुलासा करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि एसबीआई को विवरण का खुलासा करने में चयनात्मक नहीं होना चाहिए.
हम चाहते हैं कि चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी सार्वजनिक की जाए, जो भी एसबीआई के पास है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने एसबीआई से सभी विवरण का खुलासा करने को कहा था और इसमें चुनावी बॉन्ड नंबर भी शामिल थे. एसबीआई चुनावी बॉन्ड से जुड़ी पूरी जानकारी दे. सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि जो भी जानकारी है सबका खुलासा किया जाए. सीबीआई हमारे आदेश का पालन करें.
सुप्रीम कोर्ट में पिछली बार जब इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुनवाई हुई थी, तो अदालत ने बॉन्ड के यूनिक नंबर का खुलासा नहीं करने को लेकर एसबीआई से सवाल किया था. अदालत ने कहा था कि एसबीआई को यूनिक नंबर का खुलासा करना चाहिए, क्योंकि वह ऐसा करने के लिए बाध्य है. यूनिक नंबर के जरिए ये पता चला सकता है कि किस राजनीतिक दल को चंदा दिया गया और चंदा देने वाला शख्स/कंपनी कौन थी.
भारतीय स्टेट बैंक ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्तों में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड जारी किए हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था. एसबीआई चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान है.
SBI ने हलफनामे में क्या कहा ?
इससे पहले एसबीआई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें बताया गया कि एक अप्रैल 2019 से इस साल 15 फरवरी के बीच दानदाताओं ने कुल 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे, जिनमें से 22,030 को राजनीतिक दलों ने भुनाया. हलफनामे में बताया गया कि प्रत्येक चुनावी बॉन्ड की खरीद की तारीख, खरीदार के नाम और खरीदे गए बॉन्ड के मूल्यवर्ग सहित विवरण प्रस्तुत किए गए हैं