
नई दिल्ली . राज्यसभा ने चलचित्र (संशोधन) विधेयक 2023 (सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2023) पारित कर दिया. विधेयक में फिल्म की पायरेसी के खिलाफ तीन लाख का जुर्माना और तीन साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने उच्च सदन में चलचित्र (संशोधन) विधेयक 2023 को चर्चा के लिए रखते हुए कहा कि पायरेसी एक दीमक की तरह भारतीय फिल्म उद्योग को खा रही है और इसको रोकने के लिए लाये गये चलचित्र (संशोधन) विधेयक से उद्योग के हर सदस्य को लाभ मिलेगा और सिनेमा के माध्यम से भारत एक ‘साफ्ट पॉवर’ की तरह तेजी से उभरेगा.
ठाकुर ने सदन में इस विधेयक पर चर्चा के बाद बयान देते हुए कहा कि इस विधेयक का पारित होना बहुत महत्वपूर्ण है. फिल्म जगत से जुड़े सभी लोगों के अधिकारों को संरक्षण देने वाला और उनके हितों की रक्षा करने वाला विधेयक है.
क्या हैं प्रावधान विधेयक के माध्यम से अब नई श्रेणियां बनाई गई हैं. फिल्मों को अभी तक जो यूए प्रमणपत्र दिया जाता था, उसे तीन आयुवर्ग श्रेणियां यूए 7 प्लस, यूए 13 प्लस और यूए 16 प्लस में रखने का प्रावधान किया गया है. इसमें फिल्मों को वर्तमान 10 साल के स्थान पर हमेशा के लिए सेंसर प्रमाणपत्र देने, सिनेमा की अनाधिकृत रिकॉर्डिंग एवं प्रदर्शन को रोकने और फिल्म प्रमाणन की प्रक्रिया को बेहतर बनाने का प्रावधान किया गया है.
कई दशक बाद संशोधन सिनेमौटोग्राफी संशोधन विधेयक 2023 के लिए बहुत लंबा समय लगा, साल 1952 के बाद 1981 में एक बड़ा संशोधन हुआ था. अनुराग ठाकुर ने कहा, यह विधेयक पायरेसी के कारण फिल्म को होने वाले नुकसान से बचाएगा. यह विधेयक सिनेमैटोग्राफी अधिनियम 1952 को संशोधित करेगा. इससे पायरेसी की समस्या पर अंकुश लगेगा.