
नई दिल्ली. टमाटर की बढ़ती कीमतों के कारण जून की तुलना में जुलाई में शाकाहारी थाली तैयार करना 28 प्रतिशत महंगा हो गया. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की इकाई ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि थालियों की महंगाई काफी हद तक टमाटर की कीमतों में 233 प्रतिशत की बढ़ोतरी के कारण हुई है.
एक किलो टमाटर के लिए 250 रुपये तक चुकाए
टमाटर के दाम कीमत पर लोकल सर्किल एजेंसी ने सर्वे किया है. इसमें पता चला कि पिछले हफ्ते हर तीन में से एक भारतीय परिवार ने एक किलो टमाटर के लिए 200 रुपये या इससे ज्यादा पैसे खर्च किए. 10 फीसदी लोगों ने 250 रुपयेऔर 30 फीसदी लोगों ने इसके लिए 150 से 200 रुपये तक खर्च किए.
हाल के दिनों में बढ़ी महंगाई की प्रमुख वजह मौसम है. संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय ने बताया है कि कर्नाटक में सफेद मक्खी संबंधी बीमारी और उत्तर भारत में मानसून के तुरंत आ जाने की वजह से टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है. इसी वजह से कीमतों में उछाल आया है.
सरकार ने बताया कि वह 22 आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों की निगरानी करती हैं. दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार ने तर्क दिया है कि कम पैदावार की वजह से अरहर की दाल की कीमतें बढ़ी हैं. हालांकि, सरकार ने इसका आयात भी किया था, लेकिन दामों में ज्यादा असर नहीं देखने को मिला है. गौरतलब कि देश में छह हफ्तों से भी ज्यादा समय से टमाटर की कीमत लगातार बढ़ रही है.