रामलीला मैदान में अरविंद केजरीवाल बोले-दिल्ली का हक लेकर रहेंगे

नई दिल्ली . आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. दिल्ली में तबादलों-नियुक्तियों के लिए केंद्र की ओर से लाए गए अध्यादेश के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए उन्होंने कहा कि यह जनता का अपमान है. हम दिल्ली का हक लेकर रहेंगे.
रामलीला मैदान में बुलाई गई महारैली में केजरीवाल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को पलटने से साफ है कि केंद्र को लोकतंत्र और संविधान पर भरोसा नहीं है.
अध्यादेश के खिलाफ सभी विपक्षी दल मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अध्यादेश के खिलाफ सभी विपक्षी एक हैं. हम सब मिलकर इसे रोकेंगे. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय कह चुका है कि भारत एक जनतंत्र है. यहां जनता सरकार चुनती है और चुनी हुई सरकार को ही फैसले लेने का अधिकार होना चाहिए. लेकिन, केंद्र सरकार की जिद है कि किसी भी तरह से अरविंद केजरीवाल को काम करने से रोका जाए. मुझे रोज टीवी डिबेट में भाजपा के नेता बुरा-भला कहते हैं, लेकिन मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
अध्यादेश को खारिज कराकर ही रहेंगे उन्होंने कहा कि भाजपा मेरा चाहे जितना अपमान कर ले, लेकिन दिल्ली की जनता का अपमान मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता. हम इस अध्यादेश को खारिज कराकर ही रहेंगे. मैं पूरा देश में घूम रहा हूं. सभी विपक्षी दलों से मिल रहा हूं. सभी लोग इसके खिलाफ हैं और वे अध्यादेश को गिराने में हमारा साथ देंगे, क्याेंकि यह पूरे देश की 140 करोड़ जनता का सवाल है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरा आठ वर्ष का कार्यकाल हुआ है. इस दौरान हमने जितने भी काम किए केंद्र सरकार ने उनमें काफी रुकावटें पैदा करने की कोशिश की. उधर, सपा से राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल भी मंच पर पहुंचे. उन्होंने भी अध्यादेश को खारिज करने की मांग की.
हमारे पास सौ सिसोदिया
मुख्यमंत्री ने कहा, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को जेल भेजकर केंद्र ने सोचा था कि दिल्ली में अच्छे स्कूल, अस्पताल बनने बंद हो जाएंगे. एक सिसोदिया को जेल भेजा लेकिन हमारे पास सौ सिसोदिया खड़े हो जाएंगे जो जनता की सेवा में काम करेंगे.
महंगाई का मुद्दा उठाया
उन्होंने कहा कि आज लोग देख रहे हैं कि देश किस हालत में है. पेट्रोल, डीजल, दूध, सब्जी से लेकर एलपीजी के दाम कितने बढ़े हुए है. भ्रष्टाचार का हर विभाग में क्या आलम है. यहां तक कि देश में युवा को रोजगार नहीं मिल रहा है.