बिलासपुर. सायबर क्राइम मामले में स्वतः संज्ञान याचिका पर हाईकोर्ट ने शासन को जवाब देने का निर्देश दिया था. इस मामले में आज सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने सायबर थानों में स्टाफ की कमी पर शपथपत्र पर जवाब देने का निर्देश पुलिस महानिदेशक को दिया है. प्रदेश में सायबर क्राइम निरंतर बढ़ते जा रहे हैं इसका बड़ी संख्या में आम लोग शिकार हो रहे हैं.
इस मामले में समाचार माध्यमों में खबर प्रकाशित होने के बाद हाईकोर्ट ने स्वयं संज्ञान लिया. इसके बाद चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की . उल्लेखनीय है कि बिलासपुर रेंज के अंतर्गत आने वाले सभी पुलिस स्टेशनों के लिए, बिलासपुर में केवल एक साइबर पुलिस स्टेशन है और उसके पास भी आवश्यक सामग्री नहीं है इसके अलावा विशेषज्ञों की कमी भी है, जिसकी वजह से इस तरह की वारदात होने पर आम आदमी को तत्काल कोई राहत नहीं मिल पाती है. इससे पहले हुई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीबी में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक, रायपुर, छत्तीसगढ़ को व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. आज चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने सुनवाई के दौरान कहा कि, प्रदेश में सायबर थानों के लिये सिर्फ तीन इंस्पेक्टर ही हैं. उन्होंने कहा कि, आपने अब तक कितने इस प्रकार के मामलों की विवेचना की है और कितने मामले लंबित है यह पूरी जानकारी शपथपत्र पर प्रदान करें. प्रदेश के डीजीपी को यह निर्देश जारी किये गए हैं.