छत्तीसगढ़

अमित शाह ने बस्तर में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में CRPF के योगदान को सराहा

जगदलपुर . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि देश में उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई जीत के अंतिम चरण में है. इसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों के सर्वोच्च बलिदान ने बहुत बड़ा योगदान दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में आयोजित सीआरपीएफ के 84वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.

शाह ने कहा, छत्तीसगढ़ में उग्रवाद को समाप्त करने के अभियान के दौरान बल के 763 जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. मैं बल से कहता हूं कि जब तक इस खतरे का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता वे उग्रवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखें. उन्होंने कहा, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने का श्रेय सीआरपीएफ कर्मियों को जाता है. उन्होंने कहा कि एनआईए और ईडी भी उग्रवादियों का वित्त पोषण रोकने के लिए सख्ती से काम कर रही हैं. इस अवसर पर शाह ने प्रसार भारती के बस्तर संभाग की स्थानीय भाषा हल्बी की समाचार सेवा का भी शुभारंभ किया.

असम सिर्फ आठ जिलों में लागू

अधिकारियों ने कहा, असम में अशांत क्षेत्र अधिसूचना 1990 से लागू है. सुरक्षा स्थिति में सुधार के बाद अब अफ्सपा केवल आठ जिलों तक सीमित हो गया है.

मणिपुर 19 थाना क्षेत्रों से हटाया

इंफाल नगरपालिका क्षेत्र को छोड़कर पूरे राज्य को 2004 में ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया था. राज्य के सात जिलों के कुल 19 थाना क्षेत्रों से अफ्सपा हटा दिया गया है.

नगालैंड 18 थाना क्षेत्रों से खत्म

नगालैंड में 1995 से लागू है. अब आठ और जिलों के कुल 18 थानाक्षेत्रों को अशांत क्षेत्रों की सूची से हटाया गया है.

सभी मोर्चों पर सफल रहे

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों ने पिछले नौ वर्षों में उग्रवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी है. उन्होंने सभी मोर्चों पर सफलता हासिल की है. उन्होंने आदिवासियों तक विकास को पहुंचाने में भी मदद की है. उन्होंने कहा कि उग्रवादी स्कूलों, सड़कों, अस्पतालों, उचित मूल्य की दुकानों के निर्माण और मोबाइल टावरों की स्थापना में बाधा बन रहे थे.

हिंसा की घटनाओं में 76 फीसदी की कमी

शाह ने कहा कि 2010 की तुलना में देश में उग्रवादी हिंसा की घटनाओं में 76 फीसदी की कमी आई है. साथ ही (आम लोगों और सुरक्षाकर्मियों की) जान जाने की घटनाओं में भी 78 फीसदी की कमी आई है.

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