Bangladesh ISKCON: पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस संगठन पर कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए ढाका हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका में कहा गया कि ISKCON से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है और यह सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकता है।
कोर्ट में क्या हुआ?
गुरुवार, 28 नवंबर को ढाका हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने ISKCON की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने और धारा 144 लागू करने की मांग की। हालांकि, कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए संगठन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश देने से इनकार कर दिया।
अटॉर्नी जनरल ने अदालत को सूचित किया कि सरकार पहले ही मामले को लेकर जरूरी कदम उठा रही है।
Bangladesh ISKCON के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?
अदालत को बताया गया कि हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और ISKCON की गतिविधियों से जुड़े तीन मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में 33 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि वह कानून-व्यवस्था बनाए रखे और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
याचिका में क्या आरोप?
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिका में ISKCON को कट्टरपंथी संगठन बताया गया है। आरोप है कि यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है और सांप्रदायिक अशांति फैलाने में शामिल है।
क्या है विवाद की वजह?
तनाव तब बढ़ा जब हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को बिना किसी ठोस वजह के गिरफ्तार किया गया। इसके बाद से देश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के साथ सरकार के व्यवहार को लेकर विवाद खड़ा हो गया। हालांकि, हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल ISKCON पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।