छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जाएगी। इस खास मौके पर राजधानी रायपुर समेत पूरे राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में विशेष कार्यक्रम होंगे। रायपुर में होने वाले मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
इससे पहले, भगवान बिरसा मुंडा की जयंती की शुरुआत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया 13 नवंबर को छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पदयात्रा से करेंगे।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति और विभिन्न जिलों के आयोजन:
मुख्यमंत्री साय राजधानी के कार्यक्रम में शामिल होंगे, वहीं राज्य के अन्य जिलों में भी भव्य आयोजन होंगे। बिलासपुर में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, मुंगेली में उपमुख्यमंत्री अरुण साव और राजनांदगांव में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के कार्यक्रमों का हिस्सा बनेंगे।
भगवान बिरसा मुंडा कौन थे?
भगवान बिरसा मुंडा (15 नवंबर 1875 – 9 जून 1900) भारतीय आदिवासी समुदाय के स्वतंत्रता सेनानी और महानायक थे। मुंडा जनजाति के इस वीर योद्धा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आदिवासी समुदाय को एकजुट किया और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष किया। बिरसा मुंडा ने बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में 19वीं शताब्दी के अंत में एक आदिवासी आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अमर हो गए। सिर्फ 25 साल की उम्र में वीरगति प्राप्त करने के बाद, आदिवासी समुदाय ने उन्हें ‘धरतीबा’ और आदिवासी भगवान के रूप में मान्यता दी।