बेंगलुरु. चंद्रयान-3 ने समय से पहले सभी लक्ष्यों को पूरा किया है. इसके अलावा लैंडर विक्रम ने चांद की सतह पर सफल लैंडिंग का प्रयोग दोहराया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इसे भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत बताया है.
इसरो ने सोमवार को बताया कि लैंडर विक्रम को इंजन शुरू करने का कमांड दिया गया. इसके बाद विक्रम चांद की सतह पर 40 सेंटीमीटर की ऊंचाई तक उठा और 30 से 40 सेंटीमीटर आगे जाकर उतरने में कामयाब हुआ.
किक स्टार्ट अहम इसरो के अनुसार, चंद्रयान-3 में लगी सभी प्रणाली सामान्य और बेहतर ढंग से काम कर रही है. इंजन का किक स्टार्ट (दोबारा शुरू होना) भविष्य के मिशन के लिए सकारात्मक संकेत है. उम्मीद है कि इस उपलब्धि के जरिए चांद की सतह से नमूने लेकर आने और मानवीय मिशन को अंजाम देने में बड़ी कामयाबी मिल सकती है. इंजन का दोबारा शुरू होना वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी कामयाबी है.
सोने से पहले काम इसरो के अनुसार लैंडर विक्रम ने सुबह आठ बजे सुप्तावस्था में जाने से पहले प्रयोग किया. पेलोड चंद्रा सफेर्स थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट, रेडियो एनॉटमी ऑफ मून बाउंट हाईरसेंसिटिव आयनोस्फेयर और एटमॉस्फेयर लैंग्म्युर प्रोब (आरएएमबीएचए-एलपी) और इंस्ट्रूमेंट फॉर लूनर सेस्मिक एक्टिविटी ने नए प्रयोग कर उम्मीदों को बढ़ाया है.
दोबारा जगने की उम्मीद बाकी लैंडर विक्रम रोवर प्रज्ञान के पास ही शांत सो जाएगा. हालांकि, उम्मीद है कि 22 सितंबर को चंद्रयान के ये अहम हिस्से दोबारा जाग सकते हैं. विक्रम ने जो भी आंकड़े जुटाए हैं वो पृथ्वी पर बने निगरानी केंद्र को मिल चुके हैं. अब पेलोड बंद हो चुके हैं और लैंडर रिसिवर को चालू रखा गया है.
चांद पर मिशन से ये लक्ष्य हासिल हुए
रसायनों का पता चला दक्षिणी ध्रुव पर प्रज्ञान रोवर सल्फर समेत सात तरह के रसायनों का पता लगा चुका है. इसरो के अनुसार आगे हाइड्रोजन की तलाश की जाएगी.
गतिविधियों की निगरानी लूनर सेसमिक एक्टिविटी पेलोड ने 25 और 26 अगस्त को एक अजीब गतिविधि दर्ज की थी. इसकी तह तक जाने के वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं.
डाटा और तस्वीरें जुटाई
चंद्रयान-3 अभियान के दौरान रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम ने डाटा जुटाए और खूब तस्वीरें खीचीं. इसरो के अनुसार, चांद से जुड़ी हुई कई अहम जानकारियां साझा की गई हैं.
दोबारा लैंडिंग का प्रयोग लैंडर विक्रम ने सतह पर ऊपर उठकर दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग कर भविष्य के लिए नई उम्मीद जगाई.