रायपुर. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण डॉ अनीता रावटे एवं श्रीमती अर्चना उपाध्याय ने आज शास्त्री चौक स्थित राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की. आज सुनवाई में 30 प्रकरण रखे गए थे जिसमें 7 प्रकरण नस्तीबद्ध किये गए हैं शेष आगामी सुनवाई में रखे गए हैं.
आज एक प्रकरण जशपुर के एक विद्यालय का है अनावेदक व्याख्याता के पद पर कार्यरत है. आवेदिका ने 180 दिन का मातृत्व अवकाश लिया था. उसके बाद से स्वास्थ्यगत कारणों से अपना अवकाश बढ़ाने के लिए आवेदन किया था. अनावेदक पक्ष द्वारा उसे स्वीकृत नही किया गया. अनावेदक ने बताया कि आवेदिका के द्वारा विद्यालय के माध्यम से अवकाश की प्रक्रिया चालू नही किया है. उच्च अधिकारियों से मिला अवकाश स्वीकृति कराया और उसके कारण विद्यालय के छात्रों के परिणाम में विपरीत प्रभाव पड़ा. उभय पक्षों को सुनने के बाद इस प्रकरण में विभागीय पत्राचार, दस्तावेजों और गवाहों के कथन लिया जाना आवश्यक है. आयोग द्वारा इस प्रकरण पर जिला स्तरीय जांच समिति के गठन करने और गवाहों, दस्तावेजों की जांच कर उचित कार्यवाही करने कलेक्टर जशपुर को पत्र प्रेषित किया जाएगा. इस प्रकरण की 2 माह के भीतर सम्पूर्ण कार्यवाही की रिपोर्ट आने पर इस प्रकरण का निराकरण किया जायेगा.
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक के साथ उसने आर्य समाज मे विवाह हुआ था. विवाह के समय अनावेदक ने बताया था कि उसकी पहली पत्नी से तलाक हो गया है जिसके बाद मैंने विवाह की थी. परंतु वास्तव में अनावेदक ने अपनी पहली पत्नी से तलाक लिया ही नही है. इस स्थिति में मेरी शादी का कोई औचित्य नहीं है. अनावेदक खाद्य आपूर्ति विभाग में बीएम के पद पर कार्यरत हैं. अनावेदक ने आयोग के समक्ष स्वीकार किया कि शासन के नियम के मुताबिक पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी अवैधानिक होती है. आयोग ने आवेदिका से कहा कि अगर वे चाहे तो अनावेदक के विरुद्ध विभाग में इस प्रकरण की सम्पूर्ण जानकारी प्रेषित कर कार्यवाही करा सकती है.आपसी सुलहनामे के लिए अनावेदक ने आयोग से समय की मांग किया जिसपर आवेदिका के सहमति से इस प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया है.
एक प्रकरण राज्य कर विभाग का था. जिसमे उभय पक्ष एक ही विभाग में पदस्थ है. आवेदिका की शिकायत पर आंतरिक परिवाद समिति गठित हुई थी समिति ने इस प्रकरण को समाप्त कर दिया था. लेकिन आवेदिका संतुष्ट नही थी और आयोग में शिकायत की जिसमे दोनो पक्षों को विस्तार से सुनते हुए दोनो पक्षों को समझाइश दिया गया. एक ही कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी है उन्हें आपसी मतभेद समाप्त कर अपने कार्यालयीन सम्बंध सम्मानजनक रखने हेतु समझाइश दिया गया. इस स्तर पर अनावेदक ने आवेदिका से माफी भी मांगी है.आवेदिका भी अनावेदक के माफी मांगने की प्रार्थना आयोग से की थी. आयोग ने इस प्रकार की पुनरावृत्ति नही करने के निर्देश के साथ इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया.
एक अन्य प्रकरण सम्पत्ति विवाद का था जिसमे अनावेदक में अपनी लिखित में अपना आवेदन आयोग को दिया है.जिसमे अनावेदक ने कहा कि वादग्रस्त सम्पत्ति में से कोई भी सम्पत्ति नही चाहिए,लेकिन आवेदिका के द्वारा प्रस्तुत किये गए वसीयतनामा को गलत बताया. अनावेदक ने आयोग के समक्ष आवेदिका को भिलाई लिंक रोड में स्थित तीन मंजिला होलसेल की दुकान के बंटवारा आवेदिका करवा लें. आवेदिका के निवेदन पर आयोग की और से एक समिति उनके तीन मंजिले दुकान की बटवारा के लिए जाएगी. इस प्रकरण की सम्पूर्ण रिपोर्ट आने पर निराकरण किया जाएगा.
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि पति ने दूसरी शादी कर लिया है जो कि अनावेदिका है.आज जानबूझकर आयोग की सुनवाई में अनुपस्थित है. आवेदिका के दो बच्चे है जो गांव के स्कूल में पढ़ाई कर रहे है. आवेदिका ने बताया कि पति द्वारा बच्चे कब पढ़ाई लिखाई और भरण पोषण राशि नही देते है. आयोग ने अनावेदक को निर्देश दिया कि कल दूसरी पत्नी को आयोग की सुनवाई में उपस्थिति कराने कहा है जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा.