नई दिल्ली. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उनकी राष्ट्रीय राजधानी की पहली यात्रा का कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. उन्होंने कहा कि रविवार को पड़ने वाली आषाढ़ी एकादशी के बाद प्रदेश में विभागों का आवंटन होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से पहले शिंदे और फडणवीस ने यहां मीडिया को संबोधित किया. संयोग से, फडणवीस द्वारा दो पंक्तियों के संबोधन के बाद शिंदे ने लंबे समय तक अपने विचार प्रकट किए.
पोर्टफोलियो आवंटन के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, शिंदे ने कहा, “कल (रविवार) आषाढ़ी एकादशी है. हम (शिंदे और फडणवीस) उसके बाद मुंबई में मिलेंगे और फिर पोर्टफोलियो आवंटन पर चर्चा करेंगे.”
आषाढ़ी एकादशी लगभग एक महीने तक पैदल चलने के बाद सतारा जिले के पंढरपुर में पूरे महाराष्ट्र के भक्तों की सबसे बड़ी सभा होती है. मुख्य पूजा का नेतृत्व हर साल मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी करते हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार (शेष बचा विधानसभा का कार्यकाल) ढाई साल चलेगी, शिंदे ने दावा किया, “हम न केवल शेष कार्यकाल तक रहेंगे बल्कि 200 विधायकों के साथ अगला चुनाव भी जीतेंगे.”
शिंदे ने सरकार के गठन और अध्यक्ष के चुनाव को चुनौती देने वाली शिवसेना के सुप्रीम कोर्ट जाने के मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा, “मामला विचाराधीन है. मैं इसके बारे में बात नहीं करना चाहता. आखिरकार, लोकतंत्र में , जो मायने रखता है वह संख्या और बहुमत है. हम 164 हैं और इसलिए हम बहुमत में हैं. हमारे पास एक संविधान है, एक कानून है और नियम हैं. कोई भी उस फ्रेम से बाहर नहीं जा सकता. हमने नियमों के अनुसार सरकार बनाई है, कुछ भी अवैध नहीं है और हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.”
इससे पहले, शुक्रवार शाम को दिल्ली पहुंचने के बाद, दोनों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा से मुलाकात की, जिसे उन्होंने ‘शिष्टाचार बैठक’ कहा. उनका प्रधानमंत्री मोदी से भी मिलने का कार्यक्रम है.
शिंदे ने कहा, “केंद्र से सहायता प्राप्त करने वाली सरकार तेजी से प्रगति करती है. इसलिए, हम अपने राज्य के विकास को देखते हुए शिष्टाचार भेंट कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “जब हमने शपथ ली थी, प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि वह महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम करते हुए हमेशा हमारे साथ खड़े रहेंगे.”
उन्होंने फडणवीस को राज्य में कई बड़ी परियोजनाओं को शुरू करने का श्रेय दिया- जैसे समृद्धि महामार्ग (मुंबई को नागपुर से जोड़ने वाली परियोजना और राज्य के पूर्वी हिस्सों तक आगे बढ़ने वाला एक एक्सप्रेसवे), किसानों के हित में शुरू की गई जल युक्त शिवर (वर्षा जल संचयन योजना). इस पर बात करते हुए सीएम शिंदे ने कहा, “हम उन परियोजनाओं को आगे बढ़ाएंगे – जिन परियोजनाओं को हाल के दिनों में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.”
फडणवीस ने अपने बड़े दिल के बारे में (उपमुख्यमंत्री बनने की सहमति देकर) टिप्पणियों को खारिज करने की कोशिश की और कहा कि यह उनकी पार्टी है, जिसने उन्हें बड़ा बनाया और इसलिए उनका दिल बड़ा है. उन्होंने कहा, “इसके अलावा, मैं एक मुख्यमंत्री रहा हूं, इसलिए मैं कहता हूं, मुख्यमंत्री नेता हैं, शिंदे जी हमारे नेता हैं और हम सभी एक सफल सरकार चलाएंगे.”
शिंदे ने तुरंत कहा कि लोगों की हमेशा से यह धारणा थी कि भाजपा हमेशा सत्ता के पीछे थी, लेकिन “इस पार्टी ने दिखाया है कि यह हिंदुत्व की विचारधारा के साथ है जैसा कि (शिवसेना संस्थापक) बालासाहेब ठाकरे द्वारा प्रचारित किया गया था.”
शिंदे और फडणवीस दोनों ने कहा कि उनका गठबंधन स्वाभाविक है और उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.