बेंगलुरु, 27 अगस्त शिवमोग्गा में वीर सावरकर के फ्लेक्स हटाने पर हिंसा और विनायक चतुर्थी के दौरान भगवान गणेश की मूर्तियों के बगल में उनकी तस्वीर लगाने के विरोध के बाद, सोशल मीडिया पर स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में वीर सावरकर के जीवन को बढ़ा चढ़कर पेश करने के बारे में पाठ शामिल करने की चर्चा हो रही है. इसके साथ ही राज्य में टेक्स्टबुक रिविजन का विवाद एक बार फिर सामने आया है. शिक्षा विभाग ने क्लास 8 के लिए कन्नड़ पाठ्यपुस्तक से एक पाठ को बदल दिया है.
विजयमाला द्वारा लिखित पिछले पाठ ‘ब्लड ग्रुप’ को के.के. गट्टी द्वारा ‘कलावनु गेद्दावारु’ पाठ से बदल दिया गया है. यह पाठ लेखक की अंडमान सेलुलर जेल की यात्रा से संबंधित है, जहां वीर सावरकर को रखा गया था.
लेखक ने वीर सावरकर का भी चित्रण किया है. सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि पाठ में तथ्यों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया है.
इस बीच, कर्नाटक में तुमकुरु विश्वविद्यालय वीर सावरकर पर अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे नया विवाद पैदा होने की संभावना है.
सूत्रों ने बताया कि सिंडिकेट की बैठक ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है और इस संबंध में सरकार को प्रस्ताव देने की तैयारी चल रही है.