छत्तीसगढ़ में मत्स्य उत्पादन हुआ दोगुना

रायपुर, 18 जुलाई  छत्तीसगढ़ में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए मछुआरों व मत्स्य कृषकों को दी जा रही सुविधाओं का असर नजर आने लगा है. यहां मत्स्य उत्पादन के मामले में बढ़ोत्तरी हुई है, उत्पादन दो गुना हो गया है. आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग दो लाख हेक्टेयर जलक्षेत्र उपलब्ध है, जिसमें से लगभग 1.961 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मछली पालन का कार्य किया जा रहा है. राज्य की भौगोलिक एवं कृषि जलवायुवीय परिस्थितियां मछली पालन के लिए अनुकूल होने के कारण परंपरागत मछुआ वर्ग के लोगों के साथ-साथ अन्य वर्गों के लोग भी मछली पालन करने लगे है. राज्य में मछली पालन को कृषि का दर्जा देने तथा किसानों के समान ही मछली पालकों को ऋण की सुविधा तथा विद्युत एवं जलकर छूट देने से राज्य में मछली पालन को बढ़ावा मिला है. अब यह एक लाभकारी व्यवसाय बन गया है, जिसे लोग तेजी से अपनाने लगे हैं.

गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2000 में उपलब्ध मात्र 1.538 लाख हेक्टेयर जलक्षेत्र में से 1.335 लाख हेक्टेयर जलक्षेत्र में मछली पालन किया जाता था. राज्य की औसत मत्स्य उत्पादकता 1850 मेट्रिक टन प्रति हेक्टेयर थी. राज्य का मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में नौवां स्थान था. राज्य में मत्स्य बीज का उत्पादन कम होने के कारण मत्स्य बीज बाहर के प्रदेशों से आयात किया जाता था.

वर्तमान में राज्य की औसत मत्स्य उत्पादकता 4000 मेट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो गई है. प्रगतिशील मत्स्य कृषक मछली पालन की नवीन तकनीकी अपनाकर एवं उन्नत प्रजातियों का पालन कर प्रति हेक्टेयर 8000-10000 मेट्रिक टन मत्स्य उत्पादन करने लगे है. छत्तीसगढ़ मत्स्य बीज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होकर देश में पांचवें स्थान पर एवं मत्स्योत्पादन में छठवें स्थान पर आ गया है.

राज्य में मत्स्य व्यवसाय से जुड़े लोगों को नवीन तकनीकों के प्रशिक्षण, नवीन प्रजातियों के पालन व देशी मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण एवं विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नवीन मछली पालन नीति 2022 लागू की गई है. इससे राज्य में मत्स्य पालन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा.

aamaadmi.in अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. aamaadmi.in पर विस्तार से पढ़ें aamaadmi patrika की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Related Articles

Back to top button