दिल्ली. हरियाणा के गुरुग्राम के निजी स्कूल में एक सात साल के छात्र की उसके सीनियर द्वारा हत्या कर दी गई थी. मामले में अब जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड नए सिरे से तय करेगा कि आरोपी पर नाबालिग की तरह मुकदमा चलाया जाए या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने आज (बुधवार) पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ पीड़ित के पिता की अर्जी खारिज कर दी.
लड़के के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी अर्जी
हाई कोर्ट ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के आरोपी को बालिग ठहराए जाने के फैसले को पलटते हुए नए सिरे से बोर्ड को तय करने को कहा था कि आरोपी को बालिग मानकर मुकदमा चले या नाबालिग की तरह.
इसके खिलाफ पीड़ित लड़के के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी. उनका कहना था कि बोर्ड ने सोच समझकर आरोपी पर बालिग की तरह मुकदमा चलाने का फैसला दिया है. ऐसे में हाई कोर्ट का पुर्नविचार का आदेश गलत है.
सुप्रीम कोर्ट आज ने पिता की अर्जी को खारिज करते हुए हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है. इसका मतलब ये हुआ कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड नए सिरे से तय करेगा कि आरोपी के खिलाफ बालिग की तरह मुकदमा चले या नहीं.