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जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मसले पर आज से सुनवाई

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में आज (2 अगस्त) से सुनवाई शुरू होगी.

पीठ राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र के फैसले की वैधानिकता के परीक्षण के दौरान कई कानूनी और संवैधानिक सवालों पर भी विचार करेगी. इस बात पर भी विचार किया जाएगा कि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के दौरान अनुच्छेद 356 के तहत प्राप्त शक्ति का उपयोग करके केंद्र ऐसा कोई संवैधानिक परिवर्तन ला सकता है, जो स्थाई हो और उसमें बदलाव नहीं हो. पीठ इन सवालों पर भी विचार करेगी कि क्या राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के दौरान राज्यपाल द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने के प्रस्ताव पर दी गई सहमति वैध है या नहीं. इसके अलावा भी कई सवाल है जिनका संविधान पीठ परीक्षण करेगी. जैसे, अनुच्छेद 370(1)(डी) के तहत राष्ट्रपति की शक्तियों के सवाल पर सुनवाई होगी. केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था. इसके साथ ही, सरकार ने जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों विभाजित कर दिया था. जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने वाले जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 और अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी गई है.

राष्ट्रपति शासन की प्रकृति अस्थाई

शीर्ष कोर्ट को बताया राष्ट्रपति शासन अस्थाई प्रकृति का होता है. ऐसे में, जब कोई राज्य राष्ट्रपति शासन के अधीन होता है तो राष्ट्रपति और संसद की शक्ति का प्रयोग भी अस्थायी और पुनर्स्थापनात्मक चरित्र का होता है.

केंद्र का जवाब दूसरी ओर केंद्र ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन संवैधानिक प्रावधानों के तहत सख्ती से लागू किया गया था. यह विभिन्न तथ्यों के आकलन पर आधारित था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य का प्रशासन संविधान के अनुरूप चल रहा है.

केंद्र के नए हलफनामे पर नहीं होगी सुनवाई

संविधान पीठ ने 11 जुलाई को सुनवाई करते हुए कहा था कि वह जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर केंद्र सरकार द्वारा दाखिल नये हलफनामे पर सुनवाई नहीं करेगा क्योंकि इसमें संवैधानिक सवालों से कोई लेना देना नहीं है.

संवैधानिक प्रावधानों के साथ-साथ राष्ट्रपति की शक्तियों को भी परखेगी संविधान पीठ , कई सवालों पर किया जाएगा विचार

 

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