
HP layoffs: HP ने अगले तीन साल में 4000-6000 एंप्लॉयीज को नौकरी से निकालने का प्लान बनाया है. कंपनी ने मंगलवार को इस बारे में बताया.
एचपी अमेरिकी कंपनी है. यह कंप्यूटर बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. इससे पहले, ऐमजॉन, ट्विटर सहित कई अमेरिकी कंपनियां बड़ी संख्या में एंप्लॉयीज को नौकरी से हटाने का ऐलान कर चुकी हैं. अमेरिका पर मंडराते मंदी के खतरे को देखते हुए कंपनियां अपने खर्च में कमी कर रही हैं.
इस ऐलान के बाद एचपी (HP layoffs) के शेयरों में मंगलवार को तेजी देखने को मिली. शेयर करीब 0.75 फीसदी चढ़कर बंद हुए. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी इकोनॉमी अभी मुश्किल में है. इससे कई दिग्गज कंपनियां अपना खर्च घटा रही हैं.
इनमें फेसबुक की पेरेंट कंपनी Meta, Microsoft और Salesforce शामिल हैं. एचपी के कंप्यूटर की बिक्री में गिरावट देखने को मिली है. हालांकि, कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद कंप्यूटर्स की बिक्री बढ़ी थी. वर्क फ्रॉम होम यानी लोगों के घर से काम करने की वजह से लॉपटॉप की डिमांड बढ़ी थी.
एचपी (HP) ने मंगलवार को एक बयान जारी किया. इसमें कहा गया है कि ‘फ्यूचर रेडी ट्रांसफॉर्मेशन प्लान’ की वजह से कंपनी के खर्च में अगले तीन साल के दौरान सालाना 1.4 अरब डॉलर की कमी आने की उम्मीद है. इसमें रीस्ट्रक्चरिंग की वजह से 1 अरब डॉलर की कॉस्ट शामिल है.
2021 के अक्टूबर के अंत में एचपी के एंप्लॉयीज की कुल संख्या करीब 51,000 थी. इससे पहले कंपनी ने 2019 में 7000-9000 एंप्लॉयीज को नौकरी से हटाने का ऐलान किया था. कंपनी ने कहा है कि अक्टूबर में खत्म तिमाही में उसका रेवेन्यू साल दर साल आधार पर 0.8 फीसदी घटा है. पर्सनल कंप्यूटर सेगमेंट में रेवेन्यू में सबसे ज्यादा गिरावट आई है. पर्सनल कंप्यूटर (PC) इसी सेगमेंट में आता है.
इस सेगमेंट का रेवेन्यू 13 फीसदी घटकर 10.3 अरब डॉलर रह गया. यूनिट्स के लिहाज से कंपनी के पीसी की सेल्स में 21 फीसदी की गिरावट अक्टूबर तिमाही में देखने को मिली. इससे पहले की तिमाही में पर्सनल सिस्टम्स सेगमेंट से कंपनी के रेवेन्यू में 3 फीसदी कमी आई थी. प्रिटिंग सेगमेंट का रेवेन्यू भी 6 फीसदी घटा था. कंपनी ने कहा था कि पर्सनल सिस्टम्स सेगमेंट का ऑपरेटिंग मार्जिन 6.9 फीसदी से घटकर 4.5 फीसदी पर आ गया.