
भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई और मिराज-2000 शनिवार को एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गए. इस हादसे में एक पायलट शहीद हो गया, जबकि दो अन्य पायलट घायल हो गए. वायुसेना ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
सुखोई के दो पायलट बचे अधिकारियों ने बताया कि सुखोई विमान में दो पायलट थे. दोनों बाहर निकल गए, जबकि मिराज का पायलट शहीद हो गया. शहीद पायलट की पहचान विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी के तौर पर हुई है.
मलबे का कुछ हिस्सा राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र में भी गिरा भारतीय वायुसेना ने एक बयान में कहा कि वायुसेना के दो लड़ाकू विमानों ने शनिवार सुबह ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी. मुरैना के जिलाधिकारी अंकित अस्थाना ने बताया कि दोनों विमानों का मलबा जिले के पहाड़गढ़ इलाके में गिरा. मलबे का कुछ हिस्सा राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र में भी गिरा. इससे पहले दिन में भरतपुर जिले के पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया कि एक विमान उच्चैन क्षेत्र में एक खुले मैदान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
रक्षा मंत्री को जानकारी दी वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने हादसे की जानकारी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को दी. अधिकारियों ने कहा, दोनों विमानों के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की बरामदगी के बाद ही दुर्घटना के कारणों का पता चल सकेगा. उधर, रक्षा विशेषज्ञों ने कहा, आशंका है कि सुखोई और मिराज में आसमान में टक्कर हुई हो. हालांकि, वायुसेना ने कोई टिप्पणी नहीं की है.
चार साल पहले भी हुआ था ऐसा हादसा बता दें कि करीब चार साल पहले भारतीय वायुसेना की एरोबेटिक टीम सूर्य किरण के दो हॉक विमान आसमान में टकराने के बाद बेंगलुरु में दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे.
आसमान से आग गिरती देखी
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने एक तेज धमाके की आवाज सुनी, आग के गोले जमीन पर गिरते हुए देखे. इसके बाद पास की झाड़ियों में पैराशूट से दो पायलट को उतरते देखा. लोगों ने दोनों पायलटों को झाड़ियों से निकाला. कुछ देर बाद वायुसेना के हेलीकॉप्टर से उन्हें ग्वालियर ले जाया गया.
बहादुर वायु योद्धा, विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी के निधन से गहरा दुख हुआ, जिन्हें ग्वालियर के पास एक दुर्घटना के दौरान घातक चोटें आईं. हम इस कठिन समय में उनके परिवार के साथ खड़े हैं.
-राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री