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छत्तीसगढ़ में कोयला खदान के नाम पर काट दिए 8000 पेड़ AAP का गुस्सा  रायपुर में किया प्रदर्शन

रायपुर में शनिवार को आम आदमी पार्टी ने हसदेव के जंगल में चल रहे पेड़ों की कटाई रोकने के लिए प्रदर्शन किया है। उन्होंने राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया है। साथ ही आरोप लगाया है कि केंद्र और राज्य सरकार अडानी -अंबानी को लाभ पहुंचाने के लिए जंगलों को काट रही है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता पहुंचे थे। कार्यकर्ताओं ने इस दौरान जमकर नारेबाजी की है। प्रदर्शन के बाद आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि प्रदेश के लोगों को धोखा दिया जा रहा है। इतने विरोध के बावजूद भाजपा और कांग्रेस दोनों जनता को लूट रहे हैं। इन्हें जनता के भलाई से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि मानव-हाथी टकराव की बड़ी वजह भी जंगल को काटा जाना है। इससे जंगलों में आश्रित आदिवासी लोग भी बेघर हो रहे हैं। इतने बड़े मात्रा में पेड़ों की कटाई से पर्यावरण को भी बड़ा नुकसान होगा। अपने ज्ञापन के माध्यम से पार्टी ने सरगुजा में पेड़ों की कटाई बंद करने की मांग की है।

इधर कांग्रेस ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में 2011 में बीजेपी की रमन सिंह सरकार द्वारा स्वीकृत परसा ईस्ट केते बासेन खदान के लिए 43 हेक्टेयर में वनों की कटाई का काम किया जा रहा है. कांग्रेस की सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की पहल पर हसदेव अरण्य क्षेत्र को बचाने के लिए यहां खुलने वाली शेष तीन खदानों के लिए वन काटने की अनुमति निरस्त कर दी है. नई खदान न खुलने से हसदेव अरण्य क्षेत्र के बीस लाख से ज्यादा वृक्षों को बचाया जा सकेगा. बीजेपी का विरोध केवल दिखावा है, पुरानी खदान PEKB, रोकने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है.

कांग्रेस ने प्रेस नोट में आगे बताया है कि परसा ईस्ट केते बासेन के पेड़ों की कटाई को लेकर प्रशासनिक चूक से भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई है. ग्रामीणों की सहमति और पूर्व की अनुमति के आधार पर सिर्फ 42 एकड़ में वनों की कटाई की जा रही है. प्रशासन को प्रभावित वन क्षेत्र को स्पष्ट चिन्हांकित कर आमजनों को भरोसे में लेकर दिन के उजाले में कार्यवाही करनी चाहिए थी.

छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले के उदयपुर इलाके में कोयला खदान के नाम पर हसदेव अरण्य  के जंगलों की बेतहाशा कटाई की जा रही है. मंगलवार को सैकड़ों पुलिस बल की मौजूदगी में हजारों पेड़ काट दिए गए. उदयपुर वन परिक्षेत्र में पेंड्रामार, घाटबर्रा जंगल जाने वाले हर रास्ते पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. किसी को जंगल के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है और अंदर पेट्रोल से चलने वाली इलेक्ट्रिक आरा मशीन से पेड़ो को लगातार काटा जा रहा है. अब तक 43 हेक्टेयर के 8000 पेड़ काटे जा चुके हैं. कल तक हरे भरे विशालकाय पेड़ व जंगल आ रहे नजर आ रहे थे, वह अब ठूंठ में तब्दील हो गए हैं और जंगल अब वीरान हो गया है.

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