भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और बड़ा ऐलान कर दिया है। ISRO के प्रमुख एस. सोमनाथ ने 2026 में मानव को अंतरिक्ष में भेजने के मिशन “गगनयान” और 2028 में चंद्रमा पर “चंद्रयान-4” को उतारने की योजना का खुलासा किया है। ये दोनों मिशन न केवल भारत की तकनीकी प्रगति को दिखाएंगे बल्कि देशवासियों को भी गर्व से भर देंगे।
अंतरराष्ट्रीय साझेदारी: चंद्रयान-5 का जापानी कनेक्शन
ISRO के भविष्य के मिशनों में सहयोग का नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। 2028 के बाद, भारत और जापान मिलकर “चंद्रयान-5” के रूप में लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन (LUPEX) लॉन्च करेंगे। यह साझेदारी भारत की अंतरिक्ष क्षमता को एक और नई दिशा देगी और वैज्ञानिकों को चंद्रमा के बारे में गहराई से जानने का मौका मिलेगा।
दुनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर: NISAR की तैयारियां
अमेरिका के सहयोग से 2025 में भारत “NISAR” मिशन को लॉन्च करेगा, जो धरती पर प्राकृतिक आपदाओं और अन्य जलवायु बदलावों की निगरानी करेगा। यह मिशन धरती और पर्यावरण की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
स्वदेशीकरण की नई उड़ान: अंतरिक्ष में आत्मनिर्भर भारत
सोमनाथ ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की बात पर भी जोर दिया। उनका मानना है कि भारत का सपना है कि अगले दस सालों में देश का योगदान वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में 10% तक हो। इसके लिए देश में ही अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का निर्माण आवश्यक है, ताकि बाहरी देशों पर निर्भरता कम की जा सके।