नई दिल्ली। स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए डाइविंग सपोर्ट वेसल्स (डीएसवी) भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. दो जहाजों के निर्माण के लिए 2018 में हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) के साथ 2,392.94 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए गए थे. भारतीय नौवहन नौसेना नियमों के भारतीय रजिस्टर का पालन करते हुए स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए अपनी तरह के पहले जहाजों का निर्माण किया गया है.
दुश्मनों के छक्के छुड़ाएगा ये वॉरशिप
हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) गुरुवार को विशाखापत्तनम में दो डाइविंग सपोर्ट वेसल लॉन्च करने के लिए तैयार है. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और उनकी पत्नी कला हरि कुमार इन जहाजों को लॉन्च करेंगे. एचएसएल के अनुसार, डाइविंग सपोर्ट वेसल (डीएसवी) अपनी तरह का पहला जहाज है, जिसे भारतीय नौसेना के लिए एचएसएल में स्वदेशी रूप से डिजाइन और तैयार किया गया है.
जानें इसकी खासियत
डीएसवी को गहरे समुद्र में गोताखोरी और पनडुब्बी बचाव कार्यों के लिए तैनात किया जाएगा. 215 कर्मियों की क्षमता वाला ये जहाज 120 मीटर लंबा है. यह समुद्र में एक आत्मनिर्भर मंच है और समुद्र में 60 दिनों की अवधि के लिए निरंतर परिचालन तैनाती कर सकता है. जहाज दो मुख्य इंजनों द्वारा संचालित है जो अधिकतम 18 समुद्री मील की स्पीड पकड़ सकता है. डीएसवी के प्रमुख उपकरणों के लिए अधिकांश आइटम स्वदेशी विक्रेताओं के माध्यम से और पूरे भारत में 120 से अधिक एमएसएमई विक्रेताओं से खरीदे गए हैं. इस लॉन्चिंग के साथ, एचएसएल भारतीय नौसेना के लिए युद्धपोतों के बिल्डरों की लीग में शामिल हो जाएगा.
एडवांस हेलिकॉप्टर से होगा लैस
यह ट्विन शाफ्ट कंट्रोलर पिच प्रोपेलर कॉन्फ़िगरेशन से लैस है. इसमें 5.4 मेगावाट के दो डीजल इंजन और 12 मेगावाट की कुल क्षमता वाले पांच डीजल जनरेटर हैं. इसकी लंबाई 119.4-मीटर है, चौड़ाई 22.8-मीटर है और गहराई 10.4-मीटर है. आरओवी और साइड स्कैन सोनार के सपोर्ट के साथ यह एडवांस हल्के हेलीकॉप्टर/नौसेना उपयोगिता हेलीकॉप्टर के साथ संचालन करने में सक्षम होगा.