नक्सल इलाकों में स्थानीय खुफिया नेटवर्क और मजबूत होगा

राज्य खुफिया शाखाओं और नक्सल प्रभावित राज्यों के विशेष बल को मजबूत करने पर केंद्र सरकार जोर दे रही है.
स्थानीय स्तर पर खुफिया सूचनाओं को एकत्र करने में तकनीक के साथ प्रशिक्षित मानव संसाधन पर फोकस किया जा रहा है. केंद्रीय और राज्य स्तर पर समन्वय बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि नक्सल इलाकों में पुलिस थानों के सुदृढ़ीकरण, अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने, राज्य खुफिया शाखाओं और नक्सल प्रभावित राज्यों के विशेष बल को मजबूत करने के लिए 992 करोड़ रुपये की विशेष आधारभूत ढांचा परियोजनाएं मंजूर की गई हैं. इनके तहत काम चल रहा है.
आपसी समझ को बढ़ाने की जरूरत
एक अधिकारी ने कहा कि गढ़चिरौली, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सल विरोधी अभियानों के संबंध में सीबीआई, एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर और अन्य केंद्रीय संस्थाओं जैसी एजेंसियों के बीच समन्वय और आपसी समझ को बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है. जिससे स्थानीय स्तर पर मिलने वाले इनपुट पर तत्काल कार्रवाई की जा सके.
ऐसे तैयार हो रही घेराबंदी
नक्सल इलाकों में होने वाली फंडिंग और नक्सलियों के मूवमेंट को ट्रैक करके उनका खात्मा करने की रणनीति पर काम करने के लिए लोकल नेटवर्क को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. स्थानीय स्तर पर भाषा को लेकर होने वाले गतिरोध को समाप्त करने के लिए ऐसे लोगों की तैनाती की जा रही है, जो स्थानीय भाषा को समझ सकें और स्थानीय इनपुट का विश्लेषण भी कर सकें. तकनीकी स्तर पर भी तत्काल अनुवाद की सुविधा प्रदान करने पर काम हो रहा है.
एजेंसियों में समन्वय की कमी
पिछले कुछ महीनों में हुई बैठकों में एक महत्वपूर्ण फीडबैक खुफिया एजेंसियों में समन्वय की कमी को लेकर आया है. साथ ही कई राज्यों में अभी भी पुराने उपकरणों के सहारे काम चल रहा है. केंद्र के स्तर पर खुफिया प्रबंधन और संभावित खतरों का आकलन और प्रबंधन के लिए बनाई गई योजना और रणनीति में कई स्तरों पर सुधार की जरूरत महसूस की जा रही है.