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Lucknow Crime: डिलीवरी छोड़ने आया था डिलीवरी बॉय उसी के बैग में भर दी उसकी लाश

Lucknow Crime: लखनऊ में 7 दिन पहले हुई एक दिल दहला देने वाली घटना का पुलिस ने मंगलवार, 1 अक्टूबर को बड़ा खुलासा किया है। यह हत्या किसी बाहरी हमलावर की नहीं, बल्कि परिचितों द्वारा ही अंजाम दी गई थी। डिलीवरी बॉय, जो एक ऑनलाइन ऑर्डर पूरा करने के लिए गया था, वहीं अपनी जान से हाथ धो बैठा। एक व्यक्ति ने ऑनलाइन मोबाइल फोन ऑर्डर किया और पेमेंट के लिए कैश ऑन डिलीवरी (COD) का विकल्प चुना। जब डिलीवरी बॉय फोन लेकर पहुंचा, तो उस व्यक्ति और उसके साथियों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। उसके शव को पार्सल बैग में बंद कर इंदिरा नहर में फेंक दिया। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ के दौरान अपने अपराध की पूरी सच्चाई बयां की है।

पूरी घटना की कड़ी दर कड़ी जानकारी:

निशातगंज का रहने वाला भरत कुमार (30), जो एक ई-कॉमर्स कंपनी के लिए डिलीवरी बॉय का काम करता था, इस घटना का शिकार हुआ। चिनहट निवासी गजानन उर्फ गजेंद्र ने फ्लिपकार्ट से दो मोबाइल फोन – वीवो और गूगल पिक्सल – ऑर्डर किए, जिनकी कुल कीमत लगभग एक लाख रुपये थी। पेमेंट का तरीका कैश ऑन डिलीवरी चुना गया था। 23 सितंबर की रात भरत, इन फोनों की डिलीवरी करने गजेंद्र के घर पहुंचा।

हत्या की साजिश:

जब भरत ने गजेंद्र से पेमेंट की मांग की, तो उसने भरत को घर के अंदर बुलाया। वहां गजानन, हिमांशु और आकाश ने मिलकर भरत की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद रात में ही शव को भरत के डिलीवरी बैग में भरा और उसे कार से इंदिरा नहर में फेंक दिया।

25 सितंबर को दर्ज हुआ केस:

Lucknow Crime: जब भरत घर नहीं लौटा, तो परिजनों ने उसे खोजना शुरू किया और 25 सितंबर को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने भरत के कॉल डिटेल्स का विश्लेषण किया और गजानन का नंबर ट्रेस किया। गजानन के दोस्त आकाश ने पूछताछ में पूरी घटना का खुलासा कर दिया, हालांकि, भरत का शव अब तक बरामद नहीं हो पाया है। पुलिस ने SDRF की टीम के साथ इंदिरा नहर में शव की तलाश शुरू की है।

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पुलिस ने ऐसे सुलझाया मामला:

पुलिस ने कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों को ट्रेस किया। जांच में यह भी पता चला कि गजानन खुद पहले डिलीवरी का काम कर चुका था, इसलिए उसने पूरी घटना की बारीकी से योजना बनाई थी। तीनों ने मिलकर डिलीवरी बॉय के पास से तीन मोबाइल फोन, 46 अन्य वस्तुएं और 36 हजार रुपये नकद लूट लिए थे। हत्या के बाद, उन्होंने 5 घंटे तक इंतजार किया ताकि कोई शक न हो।

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