रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ में इन दिनों शतरंज के इंटरनेशनल टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है। बीते 19 सितम्बर से शुरू हुए छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट में भारत के विभिन्न राज्यों समेत 15 देशों के 500 से अधिक शतरंज खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। मास्टर्स कैटेगरी की स्पर्धा होटल ग्रेंड इम्पीरिया में और चैलेंजर्स कैटेगरी की स्पर्धा शगुन फॉर्म वीआईपी रोड रायपुर में खेली जा रही है। इस शह-मात के खेल में खिलाड़ियों की खूब दिमागी कसरत हो रही है। उल्लेखनीय यह है कि इस प्रतियोगिता में 5 साल के बच्चे से लेकर 60 साल के बुजुर्ग बतौर खिलाड़ी बोर्ड पर मोहरों की चाल चलते दिख रहे हैं। टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पहुंचे कुछ खिलाड़ियों ने अपने अनुभव भी साझा किए।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री और खेल मंत्री उमेश पटेल के निर्देश पर अखिल भारतीय शतरंज महासंघ, खेल एवं युवा कल्याण एवं छत्तीसगढ़ ओलंपिक एसोसिएशन के मार्गदर्शन व संरक्षण में छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ द्वारा छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है। इस इंटरनेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पहुंचे खिलाड़ियों में 16 ग्रैंड मास्टर, 27 इंटरनेशनल मास्टर, 03 वीमेन ग्रैंड मास्टर, 11 वीमेन इंटरनेशनल मास्टर, 14 फीडे मास्टर, 375 इंटरनेशनल रेटेड प्लेयर्स समेत अन्य वर्गों के खिलाड़ी शामिल हैं।
इन देशों के खिलाड़ी कर रहे हैं शिरकत :
छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट में भारत के अनेक राज्यों के शतरंज खिलाड़ियों के साथ ही रूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, यूएसए, कज़ाकिस्तान, मंगोलिया, पोलैंड, वियतनाम, कोलंबिया, ईरान, श्रीलंका, बांग्लादेश, जिम्बाब्वे व नेपाल से शतरंज के महारथी और खिलाड़ी पहुंचे हैं। यहां सभी खिलाड़ी बोर्ड पर हर एक चाल में प्रतिद्वंदी खिलाड़ियों को मात देकर अपनी रैंकिंग सुधारने में मशक्कत करते दिख रहे हैं।
कुछ इस तरह बयां किया अनुभव :
छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट में शिरकत कर रहे खिलाड़ियों ने आज बातचीत के दौरान अपने खेल में प्रदर्शन समेत छत्तीसगढ़ में पहली बार हो रहे शतरंज के अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन को लेकर अपने अनुभव कुछ इस तरह बयां किए –
• बीते लगभग 45 साल से शतरंज खेल रहे इंटरनेशनल मास्टर श्री अनुप देशमुख का कहना है कि वे चार दशक से शतरंज की चाल चल रहे हैं। यह खेल विचारों की गहराई और विश्लेषण पर निर्भर होता है। हर चाल इसमें महत्वपूर्ण है। एक गलत चाल और पूरी गेम ही बदल जाती है। वहीं छत्तीसगढ़ में हो रहे आयोजन पर उन्होंने कहा कि, निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट होना सरकार के खेल को लेकर विजन को दिखाता है। इस तरह के आयोजनों से नए खिलाड़ियों को भी प्रेरणा और प्रोत्साहन मिलता है। शतरंज के क्षेत्र में आने वाली भावी पीढ़ी के लिए यह बेहतर अवसर है।
• 11 साल के वेदांत गर्ग चैलेंजर्स कैटेगरी में खेलने चंडीगढ़ से रायपुर पहुंचे हैं। आज अपने अनुभव साझा करते हुए वेदांत ने कहा कि, इस टूर्नामेंट में आकर उन्हें नयी प्रेरणा और प्रोत्साहन मिला है। वेदांत अपने लिए शतरंज में विश्व चैम्पियन का लक्ष्य निर्धारित करके आगे अपने खेल को बढ़ाना चाहते हैं।
• हरियाणा से पहुंचे नन्हें शतरंज खिलाड़ी नीमय अग्रवाल के अनुसार छत्तीसगढ़ में हो रहा यह टूर्नामेंट उनके लिए अनेक रोमांचक अनुभव देने वाला है। उन्हें टूर्नामेंट में शामिल होने के बाद शतरंज में नए लक्ष्य निर्धारित करने की प्रेरणा मिली है। यहां वे पहली बार बड़ी उम्र के और महारथी खिलाड़ियों के साथ भी खेल पा रहे हैं। बकौल नीमय, इस टूर्नामेंट ने उन्हें शतरंज के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए खासा प्रोत्साहित किया है। यह टूर्नामेंट उन्हें शतरंज में नए अनुभव दे रहा है, जो भविष्य में नए अवसर दिलाने का काम करेगा।