महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को एक और बड़ा झटका लगा है. काफी दिनों से साइडलाइन रहे सीनियर लीडर रामदास कदम ने भी शिवसेना छोड़ दी है. उन्होंने पार्टी लीडर पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके विधाक बेटे योगेश कदम पहले ही सीएम एकनाथ शिंदे गुट में जा मिले हैं. शिवसेना के उद्धव कैंप से आउटगोइंग रुकने का नाम ही नहीं ले रही है. चालीस विधायकों के छोड़ जाने के बाद 14-15 सांसदों से जुड़ी भी ऐसी खबरें रोज मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आ रही हैं कि वे शिंदे गुट के संपर्क में हैं. इसके बाद जगह-जगह नगरसेवक और जिला प्रमुख भी पार्टी छोड़ कर जा चुके हैं. अब रामदास कदम के इस्तीफे से उद्धव ठाकरे को एक और बड़ा झटका लग गया है.
रामदास कदम के पार्टी लीडर पद से इस्तीफा दिए जाने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘लोग हमारी बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आगे ले जाने की भूमिका को स्वीकार कर रहे हैं. यह राज्य के सभी वर्ग की जनता के लिए, उनके विकास के लिए अच्छे संकेत हैं.’
उद्धव ठाकरे के नाम लिखा पत्र
रामदास कदम अगले दो दिनों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना स्टैंड क्लियर करेंगे. पद से इस्तीफा देते हुए रामदास कदम ने उद्धव ठाकरे के नाम एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने लिखा, माननीय बालासाहेब ठाकरे ने मेरी नियुक्ति शिवसेना के नेता पद के लिए की थी. लेकिन उनके बाद इस पद की कोई प्रतिष्ठा नहीं रही. आपने अपने व्यस्त कार्यक्रम से कभी पार्टी लीडर्स के लिए समय नहीं निकाला और उन्हें विश्वास में नहीं लिया. उल्टा मुझे और मेरे बेटे योगेश कदम को बार-बार अपमानित किया गया.
आगे रामदास कदम ने लिखा, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आपने मुझे अचानक मातोश्री में बुलाया और निर्देश दिया कि कोई मुझे कुछ भी कहे या कोई मेरे साथ कुछ भी करे, मुझे मीडिया से किसी भी मुद्दे पर बात नहीं करनी है और पार्टी से संबंधित कोई भी बयान नहीं देना है. मुझे आज तक इसकी वजह समझ नहीं आई. मैं मुंह पर ताला लगाकर बैठ गया. शिवसेना पर जब-जब संकट आया मैंने पूरी शिद्दत से पार्टी के लिए काम किया, लेकिन मुझे लगातार हतोत्साहित किया जाता रहा. पार्टी मेंबर्स को यह पता है.
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