भारत को पूरी दुनिया का चिप निर्माण केंद्र बनाने की तैयारी

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि देश में एक बड़ा बदलाव था. साथ ही मोदी ने कहा, भारत को पूरी दुनिया के लिए चिप निर्माण का केंद्र बनाने की तैयारी चल रही है. मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 में लोगों ने पुरानी हो चुकी स्क्रीन वाले फोन की तरह तत्कालीन सरकार को भी खारिज कर दिया और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार को मौका दिया.
2014 तक भारत के पास कुछ सौ स्टार्टअप थे, लेकिन अब यह संख्या एक लाख के आसपास पहुंच गई है. तब आउटडेटेट फोन की स्क्रीन बार-बार हैंग हो जाती थी और आप चाहे स्क्रीन को कितना भी स्वाईप कर लें या कितने भी बटन दबा लें, कुछ असर नहीं होता ही था. ऐसी ही स्थिति उस समय सरकार की भी थी.
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उस समय देश की अर्थव्यवस्था हैंग मोड में थी. हालत इतनी खराब थी कि रिस्टार्ट करने या बैटरी चार्ज करने में भी फायदा नहीं था. मोदी ने कहा कि एप्पल से लेकर गूगल तक बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियां देश में अपने उत्पादों का निर्माण करने के लिए तैयार हैं.
5जी मोबाइल टेलीफोन नेटवर्क शुरू करने के बाद भारत 6जी के क्षेत्र में खुद को अग्रणी के रूप में स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में भारत 118वें स्थान से 43वें स्थान पर पहुंच गया है. 5जी सेवा शुरू होने के एक साल के भीतर देश में इसके चार लाख बेस स्टेशन स्थापित किए गए हैं.
सेमीकंडक्टर के लिए 80 हजार करोड़ रुपए की योजना मोदी ने कहा कि तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों की सफलता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम भारत में एक मजबूत सेमीकंडक्टर निर्माण क्षेत्र स्थापित करें. सेमीकंडक्टर के विकास के लिए देश में 80 हजार करोड़ रुपए की पीएलआई योजना शुरू की गई है. आज दुनियाभर की सेमीकंडक्टर कंपनियां भारत के साथ मिलकर काम करने को आगे आ रही हैं.
विकास का लाभ हर वर्ग तक पहुंच रहा मोदी ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी से शिक्षा, चिकित्सा, पर्यटन और कृषि में कई सुधार हुए हैं. विकास का लाभ हर वर्ग और क्षेत्र तक पहुंचना मौजूदा केंद्र सरकार की प्राथमिकता है. देश के नागरिकों को प्रौद्योगिकी और अन्य संसाधनों तक पहुंच सुनिश्चित की जा रही है. सभी को सम्मान का जीवन मिले, इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है. यह सबसे बड़ा सामाजिक सशक्तिकरण है.
शैक्षणिक संस्थानों को सम्मानित किया इंडिया मोबाइल कांग्रेस के दौरान प्रधानमंत्री ने देशभर के कई शैक्षणिक संस्थानों को 100 5जी यूज केस लैब से सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि इंटरनेट कनेक्टिविटी और इसकी गति में सुधार से लोगों के कई काम आसान हो जाते हैं. इंडिया मोबाइल कांग्रेस एशिया का सबसे बड़ा दूरसंचार और प्रौद्योगिकी मंच है. इस सम्मेलन का उद्देश्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकास और निर्यातक के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करना है.
वोडाफोन एयर फाइबर से कनेक्टिविटी होगी आसान
- वीआई एयर फाइबर स्मार्ट होम की दुनिया में नई तकनीक है.
- इसकी मदद से सभी डिवाइस 5जी स्पीड से लैस हो जाएगी.
- वर्चुअल रिएलिटी की मदद से गेमिंग की दुनिया आकर्षक बनेगी.
- वीआई की मदद से व्यक्ति वास्तिविक क्रिकेट स्टेडियम में मैच खेलने का आनंद ले सकता है.
भारत दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने से एक बड़ा बदलाव आया. उस समय वैश्विक स्तर पर मोबाइल निर्माण में हमारी मौजूदगी न के बराबर थी. अब भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है. आज हम करीब दो लाख करोड़ रुपए के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद का निर्यात कर रहे हैं. हाल ही में गूगल ने घोषणा की है कि वह भारत में अपने पिक्सेल फोन बनाएगी. सैमसंग पहले से भारत में फोल्ड-5 और एप्पल आईफोन-15 का निर्माण कर रही हैं.
जियो स्पेस फाइबर से हाई-स्पीड सेवा
रिलायंस जियो ने देश के दूरदराज के क्षेत्रों में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने वाली देश की पहली ब्रॉडबैंड जियो स्पेस फाइबर को पेश किया है. जियो स्पेस फाइबर उपग्रह आधारित गीगा फाइबर प्रौद्योगिकी है, जो उन दुर्गम इलाकों में सपंर्क स्थापित करेगी जहां फाइबर केबल से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना आसान नहीं है. जियो स्पेस फाइबर की मदद से उन लोगों तक पहुंच स्थापित करना चाहते हैं जो अभी इससे वंचित हैं.
रास्ते में आने वाली अड़चन पहले पता चलेगी
नोकिया व इरिक्सन ने 6जी सेंसर टेक्नोलॉजी को पेश किया. 6जी सेंसर टेक्नोलॉजी के तहत सभी नेटवर्क सेंसर का काम करेंगे. सेंसर पियानो की तरह बजेगा. पहले किसी भी व्यक्ति, जानवर या आइटम को सेंसर से महसूस करेगा और उसकी जानकारी देगा. अगर आप कार से जा रहे हैं और रास्ते में पत्थर गिरा है तो कार में लगे 6जी डिवाइस आपको इसकी सूचना दे देगा. कंपनी ने टेक्नोलॉजी को विकसित कर लिया है और उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक इसका प्रयोग शुरू हो जाएगा.