राष्ट्रट्रेंडिंग न्यूज़

‘मोदी उपनाम’ वाले बयान को लेकर राहुल गांधी की सजा बरकरार

सूरत . सूरत की एक सत्र अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ वाले बयान को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने संबंधी याचिका गुरुवार को खारिज कर दी. अगर अर्जी मंजूर हो जाती तो उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो सकता था.

एडिशनल सेशन जज आरपी मोगेरा की अदालत के तीन अप्रैल के आदेश के अनुसार, कांग्रेस नेता अपनी मुख्य अपील के निस्तारण तक जमानत पर बाहर रहेंगे. राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से सांसद बने थे.

आदेश में अतिरिक्त सत्र अदालत ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) के तहत सांसद के रूप में गांधी को हटाने या अयोग्य घोषित किए जाने को अपूरणीय क्षति या नुकसान नहीं कहा जा सकता है.

राहुल निचली अदालत के फैसले के खिलाफ 3 अप्रैल को सत्र अदालत पहुंचे थे. उनके वकील ने गांधी को दो साल की सजा के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर मुख्य अपील के साथ दो अर्जी भी दी थी. इनमें एक जमानत के लिए जबकि दूसरी अर्जी मुख्य अपील के निस्तारण तक दोषसिद्धि पर रोक के लिए थी.

अब ये विकल्प राहुल गांधी के पास अब हाईकोर्ट जाने का विकल्प बचा है. अगर हाईकोर्ट से भी उनकी याचिका खारिज हो जाती है तो वो उच्चतम न्यायालय जा सकते हैं.

फैसले को चुनौती देंगे

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, सूरत सत्र न्यायालय के फैसले में खामियां हैं. पुराने मामलों के फैसलों को गलत तरीके से उल्लेख किया गया है. हम जल्द फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे.

कानून सबके लिए समान

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अदालत का फैसला गांधी परिवार, खासकर राहुल गांधी के अहंकार पर चोट है. यह फैसला यह साबित करता है कि कानून सबके लिए बराबर है. और वह किसी भी प्रकार के दबाव के आगे झुकता नहीं है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button