रेलवे क्रासिंग पर होने वाले हादसों पर लगाम कसने के मकसद से रेलवे बोर्ड ने एक हजार रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) और रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) बनाने की मंजूरी दे दी है. विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में 1200 आरओबी-आरयूबी बनाने का लक्ष्य रखा है. इससे रेलवे क्रासिंग पर दुर्घटनाएं रुकने के साथ स्थानीय निवासियों को जाम से निजात मिलेगी.
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2009-2014 तक 3813 आरओबी-आरयूबी का निर्माण किया गया. इस प्रकार रेलवे क्रासिंग पर सालाना 763 आरओबी-आरयूबी बनाए गए. जबकि 2014-2023 के दौरान रिकार्ड 10,867 आरओबी बनाए गए. रेलवे ने इस अवधि में प्रति वर्ष 1207 आरओबी-आरयूबी बनाए. इसी क्रम में विभाग ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 1200 आरओबी-आरयूबी बनाने का लक्ष्य रखा है.
अधिकारी ने बताया कि 1000 आरओबी बनाने की मंजूरी दे दी गई है और निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. तय लक्ष्य को समय से हासिल कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि रेलवे क्रासिंग पर बनाए जा रहे आरओबी-आरयूबी की डिजाइन में बदलाव किया गया है. इससे आरयूबी के नीचे जल जमाव नही होगा और यातायात प्रभावित नहीं होगा.
वहीं, रेल ओवर ब्रिज में पैदल राहगीरों के लिए सीढ़ियों के अलावा रैंप का प्रावधान किया जाएगा. इससे मोटर साइकिल-साइकिल सवार भी ओवर ब्रिज का प्रयोग कर सकेंगे.
नए डिजाइन के आरओबी-आरयूबी बनने से रेलवे ट्रैक के समीप के कस्बों, गांव, औद्योगिक क्षेत्र के निवासियों को काफी सहूलियत होगी.
संसद की एक स्थायी समिति ने रेलवे क्रासिंग को हटाकर रेल अंडर ब्रिज (आरयूबी) बनाने की योजना की सराहना करते हुए आरयूबी के नीचे जमा होने वाले पानी पर चिंता प्रकट की है.
समिति ने कहा कि ट्रेन हादसे रोकने के लिए आरयूबी का निर्माण करना अच्छी पहल है.