रायपुर. महेश की इच्छा थी कि वह एक दिन अपने पैरों में खड़ा हो और खुद की जिंदगी को बदल सके. उनकी यह इच्छा इसलिए भी अधूरी रह गई कि एक दिन दोनों पैर को लकवा मार गया. दोनों पैर से अपाहिज हो जाने के बाद तो महेश को यह जिंदगी और चुनौती लगने लगी. बहुत ही गरीब परिवार से आने वाला महेश चाहता था कि वह घर पर कोई व्यवसाय करे और अपनी जीवन की पटरी पर लाकर सही दिशा में आगे बढ़े. गरीबी की वजह से उसका यह सपना अधूरा था और उन्हें कोई इतना मदद भी नहीं करता था कि वह अपना बिजनेस कर सके. आज जब राजधानी रायपुर से आदिवासी अंचल लैलूंगा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आए और भेंट-मुलाकात कार्यक्रम हुई तो महेश भी उनसे अपनी फरियाद लेकर पहुँच गए.
महेश ने अपनी पूरी बातें जब प्रदेश के मुखिया को बताई तो उन्होंने डेढ़ लाख रुपए की राशि देने अपनी सहमति दे दी. मुख्यमंत्री से डेढ़ लाख रुपए का आर्थिक सहयोग मिलने के बाद महेश के खुशियों का ठिकाना न था, उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि अब वह खुद का बिजनेस शुरू करेगा और अपने पैरों पर खड़ा हो सकेगा.
रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के अंतर्गत शांतिनगर में रहने वाले महेश श्रीवास ने बताया कि दोनों पैर से वह दिव्यांग है और चलने-फिरने में असमर्थ है. उसकी शादी हो चुकी है और एक बच्चा भी है. दिव्यांग होने से उन्हें काम करने में भी बहुत परेशानी होती है,इसके साथ ही गरीबी की वजह से घर-परिवार चलाना मुश्किल होता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल आज जब उनके क्षेत्र में आए हैं तो उनकी भी इच्छा हुई कि वे उनसे जाकर भेंट करे और अपने लिए कुछ मांगे. महेश ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने उनकी पूरी बात को सुना और डेढ़ लाख रुपए देकर उनके व्यवसाय करने के सपने को ही नहीं बल्कि जिंदगी में छाई एक निराशा के माहौल को भी खुशियों और एक नई उम्मीदों में बदल दिया.