रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक 58 वर्षीय महिला साइबर ठगों के जाल में फंस गई, जिनके द्वारा उसे 72 घंटे तक कथित “डिजिटल अरेस्ट” में रखा गया। इस दौरान ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच, सीबीआई और आरबीआई के अधिकारी बताकर महिला को डराया-धमकाया और उसकी बैंक खाता जानकारी हासिल कर ली। ठगों ने महिला से उसकी बचत का पैसा ट्रांसफर करवा लिया, जिससे उसे कुल 58 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
ठगी की शुरुआत: कैसे फंसी महिला?
यह घटना 3 नवंबर को शुरू हुई जब महिला को एक फोन कॉल आया, जिसमें खुद को मुंबई टेलीकॉम डिपार्टमेंट का अधिकारी बताया गया। ठग ने दावा किया कि महिला के आधार कार्ड का उपयोग करके मुंबई के लुईसवाड़ी थाने में किसी व्यक्ति ने कई बैंक खाते खोले हैं, जिनका दुरुपयोग किया जा रहा है। इसके बाद, कॉल को कथित तौर पर मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी से जोड़ा गया, जिन्होंने महिला को धोखे में फंसाया।
ठगों का तरीका: वीडियो कॉल से डराना-धमकाना
ठगों ने महिला को लगातार वीडियो कॉल पर बनाए रखा और उसे मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स तस्करी जैसे गंभीर आरोपों में फंसने की धमकी दी। इसके बाद, उन्होंने महिला से उसके बैंक खाते की जानकारी हासिल की और उसे अपने बताए खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया। डर के मारे महिला ने अपने जीवन की बचत ठगों के बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दी।
पुलिस जांच और चेतावनी
इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने साइबर ठगों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। साथ ही, अधिकारियों ने लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहने की चेतावनी दी है। वे लोगों को सलाह दे रहे हैं कि कोई भी सरकारी अधिकारी बिना पुख्ता पहचान के व्यक्तिगत जानकारी न मांगे और न ही किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश का जवाब दें।
यह घटना साइबर सुरक्षा के मामले में एक और चेतावनी है कि धोखेबाजों द्वारा आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, और हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए।