देहरादून. उत्तराखंड सरकार के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीनियर IAS रामविलास यादव को अरेस्ट कर लिया है. जांच में उनकी संपत्ति आय से करीब 500 गुना ज्यादा पाई गई, जिसके बाद विभाग ने उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला ले लिया.
LDA में रह चुके हैं सचिव
रिपोर्ट के मुताबिक राम विलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव पद पर तैनात थे. वे इससे पहले उत्तर प्रदेश के लखनऊ विकास प्राधिकरण में सचिव रह चुके हैं. लखनऊ में रहने वाले एक व्यक्ति ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उत्तराखंड के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने उनके खिलाफ जांच शुरू की.
आय से 500 गुना ज्यादा संपत्ति
इस शिकायत के बाद विजिलेंस डिपार्टमेंट ने पहले उनकी संपत्तियों की गोपनीय जांच की. जांच में शिकायत पहली नजर में सही पाए जाने पर विजिलेंस टीम ने लखनऊ, देहरादून और गाजीपुर समेत राम विलास यादव के कई ठिकानों पर छापे मारे. उन छापों में उनके पास कथित रूप से आय से 500 गुना ज्यादा संपत्ति होने की बात प्रकाश में आई. जिसके बाद विजिलेंस टीम ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में केस दर्ज कर लिया.
हाईकोर्ट से नहीं मिली अग्रिम जमानत
छापेमारी के बाद अपनी गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए IAS रामविलास यादव सीनियर IAS ऑफिसर हुआ गिरफ्तार, आय से 500 गुना ज्यादा मिली संपत्तिने अग्रिम जमानत के लिए उत्तराखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की. लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली और अदालत ने उन्हें विजिलेंस टीम के सामने अपने बयान दर्ज कराने को कहा. वे बुधवार को अपने बयान दर्ज करवाने विजिलेंस ऑफिस पहुंचे, जहां पर प्रारंभिक पूछताछ के बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया.
पूछताछ के लिए 70 सवालों की लिस्ट
अरेस्टिंग के बाद रामविलास यादव से पूछताछ शुरू की गई. इस पूछताछ में विजिलेंस के एक एसपी, 2 डीएसपी, 6 इंस्पेक्टर और एक ज्वाइंट डायरेक्टर शामिल हुए. IAS से पूछताछ के लिए विजिलेंस अफसरों ने कुल 70 सवाल तैयार किए थे. शाम को उनके घर से भोजन मंगाकर रामविलास यादव को खिलाया गया. अरेस्टिंग के बाद उत्तराखंड सरकार ने रामविलास यादव को सेवा से सस्पेंड कर दिया. सूत्रों के मुताबिक IAS रामविलास यादव पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं और विजिलेंस अफसरों के सवालों पर गोल-मोल जवाब दे रहे हैं.