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Surya Grahan 2022 : सूर्य ग्रहण आज, जानें सूतक काल और भारत में कब और कहां दिखेगा

साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण आज 25 अक्टूबर दिन मंगलवार को लग रहा है. बता दें यह कार्तिक अमावस्या की तिथि में लग रहा है. आज सूर्य ग्रहण होने के कारण गोवर्धन पूजा या अन्नकूट नहीं होगा, यह कल मनाया जाएगा. सूर्य ग्रहण के कारण धार्मिक और शुभ मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगा. सूर्य ग्रहण दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6 बजकर 32 मिनट पर खत्म हो जाएगा. सूर्य ग्रहण करीब 4 घंटे तीन मिनट तक चलेगा. वहीं ग्रहण का सूतक का काल 12 घंटे पहले ही शुरू हो गया.

भारत में कहां देख सकते हैं सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण भारत में कई शहरों में नजर आएगा. जैसे नई दिल्ली, बेंगलुरू, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वाराणसी और मथुरा. वहीं मेघालय के दाईं और असम राज्य के गुवाहाटी के आसपास के बाएं हिस्सों में सूर्य ग्रहण नहीं नजर आएगा.

काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, आज खंडग्रास सूर्य ग्रहण है. यह सूर्य ग्रहण स्वाति नक्षत्र में तुला राशि पर लगेगा. वाराणसी में सूर्य ग्रहण का प्रारंभ आज शाम 04 बजकर 42 मिनट पर होगा और सूर्य ग्रहण का समापन आज शाम 05 बजकर 22 मिनट पर होगा. इस तरह से देखा जाए तो आज लगने वाला सूर्य ग्रहण 40 मिनट का होगा. लेकिन स्थान के आधार पर सूर्य ग्रहण के प्रारंभ और समापन समय में अंतर हो सकता है. सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पूर्व ही शुरू हो जाएगा. आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.

सूर्य ग्रहण 2022 का प्रारंभ: 25 अक्टूबर, शाम 04:28 बजे से

सूर्य ग्रहण 2022 का समापन: 25 अक्टूबर, शाम 05:30 बजे पर

खंडग्रास का कुल समय: 01 घंटा, 13 मिनट

सूर्य ग्रहण 2022 सूतक काल का प्रारंभ: 25 अक्टूबर, प्रात: 03:17 बजे से

सूर्य ग्रहण 2022 सूतक काल का समापन: 25 अक्टूबर, शाम 05:42 बजे पर

सूर्य ग्रहण से संबंधि यह सभी समय देश की राजधानी नई दिल्ली के आधार पर है.

क्या है सूतक काल?

सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण प्रारंभ के समय से 12 घंटे पूर्व प्रारंभ होता है और ग्रहण के समापन के साथ खत्म होता है. सूतक काल में कोई भी शुभ मांगलिक कार्य नहीं करते हैं. इसके अलावा इसमें भोजन करना, शयन करना, गर्भवती महिलाओं का बाहर जाना जैसे कार्य वर्जित होते हैं.

यह आंशिक सूर्य ग्रहण है और भारत में कुछ स्थानों पर ही दिखाई देगा. बता दें यह सूर्य ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगने वाला है. ज्योतिषीय दृष्टि से इस सूर्यग्रहण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि ग्रहण के दौरान सूर्य सहित तीन ग्रह चंद्रमा, शुक्र और केतु भी तुला राशि में होंगे. तुला राशि पर राहु और शनि की दृष्टि भी होगी. ऐसे में माना जा रहा है कि तुला राशि के साथ कन्या, वृषभ और मिथुन राशि के जातकों पर सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

सूर्य ग्रहण क्यों होता है?

विज्ञान के मुताबिक पृथ्वी चंद्र के साथ सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्र पृथ्वी की परिक्रमा करता है. जब चंद्र परिक्रमा करते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और ये तीनों ग्रह एक सीधी लाइन में होते हैं, तब चंद्र की छाया पृथ्वी पर पड़ती है. जहां-जहां चंद्र की छाया पड़ती है, वहां सूर्य नहीं दिखता है. इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं. धर्म के नजरिए से ग्रहण की कथा राहु और केतु से जुड़ी है.

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