पीएससी के चयन प्रक्रिया में हुआ भारी भ्रष्टाचार, करोड़ों रूपए में सीटों का हुआ सौदा: आप

रायपुर. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी-2021) का बीते दिनों परिणाम जारी हुए. सिविल सर्विस मेंस के टॉप 20 मेरिट लिस्ट में विभागीय अधिकारियों और व्यापारियों के बच्चों का चयन होने पर आम आदमी पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं. आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने जारी परीक्षा परिणाम को लेकर भूपेश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का आलम देखिए कि सीजीपीएससी में टॉप 20 सीट की सीट का करोड़ों रूपए में सौदा हुआ है. जिन छात्र-छात्राओं ने मेहनत किया उनके सपनों पर रसूखदारों ने अपने पैसों के बल पर पानी फेर दिया. उन्होंने पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग की है.
टॉप के 25 नामों में सिर्फ अधिकारी, नेता और प्रभावशाली वर्ग के अभ्यर्थियों का नाम शामिल है. ऐसे में नाकाबिल अधिकारी चयनित होकर राज्य का क्या भला करेंगे. लोक सेवा आयोग जैसी संस्थाओं पर अगर प्रश्न चिन्ह लगेगा तो युवाओं का राज्य प्रशासनिक सेवाओं से विश्वास जल्द ही उठ जाएगा और राज्य की व्यवस्था चरमरा जाएगी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि टॉप के नाम के लिए बोलियां लगाई गईं, जिसका पूरा लाभ प्रभावशालियों जमकर उठाया है. प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खुली छूट दे रखी है. जिससे अब छत्तीसगढ़ की पहचान ‘भ्रष्टाचार के गढ़’ से होने लगी है. भूपेश सरकार को इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए और पूरे मामले की जांच कराई जानी चाहिए.
कोमल हुपेंडी ने कहा कि मेरिट सूची में सिर्फ अधिकारियों और रसूखदार के बच्चों का नाम आना, अपने आप में सवाल खड़ा होता है. पहले नंबर पर चयनित अभ्यर्थी और ग्यारवें नंबर पर चयनित अभ्यर्थी दोनों भाई बहन हैं. दूसरे स्थान पर चयनित अभ्यर्थी कांग्रेस नेता की बेटी है. तीसरे और चौथे नंबर पर चयनित अभ्यर्थी पति-पत्नी है, जो एक प्रभावशाली कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. मेरिट सूची में नौवें और बारहवें स्थान पर चयनित अभ्यर्थी भी भाई-बहन हैं, दोनों एक आईएएस के बच्चे हैं. सातवें स्थान के लिए चयनित अभ्यर्थी पीएससी चेयरमैन का दत्तक पुत्र है, लेकिन मेरिट सूची में सरनेम छुपाया गया. जबकि नियम है कि किसी परीक्षा समिति के लोगों का कोई भी परिजन परीक्षा में शामिल नहीं हो सकता है. बावजूद पीएससी के चेयरमैन के बेटे ने परीक्षा दिया.
कोमल हुपेंडी ने कहा कि ऐसे में अब सवाल साफ तौर पर खड़ा होता है कि पीएससी के चयन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भारी भ्रष्टाचार हुआ है. चयन प्रक्रिया में करोड़ों रुपए का सौदा करके बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है. जिसमें प्रदेश सरकार के आला अधिकारी, कई मंत्री, नेता और बड़े व्यवसायी शामिल हैं. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सीजीपीएससी के रिजल्ट की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, अन्यथा आम आदमी पार्टी अभ्यर्थियों के साथ मिलकर हाईकोर्ट का रुख करेगी. उन्होंने कहा कि पीएससी के अभ्यर्थियों द्वारा उठाए जाने वाले हर कदम का आम आमदी पार्टी पूरी तरह से समर्थन करेगी और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी.