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UNGA में कश्मीर राग अलापा तो भारत ने पाकिस्तान को ऐसे दिया मुंहतोड़ जवाब

संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस पर बहस के दौरान भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. उसने इस फिर एकबार कश्मीर का मुद्दा उठाया. इसके बाद भारत ने करारा जवाब दिया है. रूस-यूक्रेन युद्ध के संबंध में यूएनजीए में वोटिंग पर चर्चा हो रही थी. इस दौरान अपने स्पष्टीकरण में पाकिस्तानी राजनयिक मुनीर अकरम लगातार कश्मीर की स्थिति से रूस-यूक्रेन युद्ध की तुलना कर रहे थे. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कड़े शब्दों में उन्हें जवाब दिया.

उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि आश्चर्यजनक रूप से एक बार फिर एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा इस मंच का दुरुपयोग करने और मेरे देश के खिलाफ बेकार और व्यर्थ टिप्पणी करने का प्रयास किया गया है.”

कंबोज ने कहा कि इस तरह के बयान के बाद पाकिस्तान सामूहिक अवमानना ​​का पात्र है, क्योंकि वह बार-बार झूठ बोल रहा है. काम्बोज ने कहा, “जम्मू और कश्मीर का पूरा क्षेत्र हमेशा भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा. हम पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए कहते हैं ताकि हमारे नागरिकों के जीवन की रक्षा हो और वे स्वतंत्रता के अधिकार का आनंद ले सकें.”

इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के इस हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया और इसकी टिप्पणी को गैर जिम्मेदाराना बताया. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कड़े शब्दों में कहा कि पाकिस्तान ने दो स्थितियों को एक ही जैसा दिखाने की कोशिश की है. हमने देखा है कि आश्चर्यजनक रूप से एक बार फिर एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा इस मंच का दुरुपयोग करने और मेरे देश के खिलाफ अनर्गल और व्यर्थ टिप्पणी करने की कोशिश की गई. भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा झूठ बोलता है. उसका यह बयान सामूहिक अवमानना ​​का पात्र है.

कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा: भारत

उधर, रूस के खिलाफ यूएनजीए में फिर प्रस्ताव लाया गया. भारत ने इस वोटिंग से दूरी बनाए रखी. वोटिंग का हिस्सा न बनने पर भारत ने अपना पक्ष रखा. यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा, ‘जम्मू और कश्मीर का पूरा क्षेत्र हमेशा भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा… हम पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को रोकने की अपील करते हैं ताकि हमारे नागरिक अपने जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का आनंद ले सकें.’

बता दें कि इससे पहले यूएनजीए यानी संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बुधवार को चार यूक्रेनी क्षेत्रों के रूसी कब्जे की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था. इस प्रस्ताव के पक्ष में 143 देशों ने वोट किया. वहीं पांच सदस्यों ने विरोध में वोट दिया. वहीं, भारत सहित 35 देशों ने मतदान में भाग लेने से परहेज किया. यह प्रस्ताव रूस द्वारा सुरक्षा परिषद में इसी तरह के एक प्रस्ताव को वीटो करने के कुछ दिनों बाद आया है, उस प्रस्ताव से भी भारत ने परहेज किया था.

यूक्रेन के हालात पर चिंता जताते हुए कंबोज ने कहा कि भारत “यूक्रेन में संघर्ष के लगातार बढ़ने पर चिंतित है, जिसमें नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना और आम लोगों की मौत भी शामिल है. हमने लगातार इस बात की वकालत की है कि मानव जीवन की कीमत पर कोई समाधान कभी नहीं निकाला जा सकता है.” उन्होंने आगे कहा कि शत्रुता और हिंसा को बढ़ाना किसी के हित में नहीं है. हमने अनुरोध किया है कि शत्रुता को तत्काल समाप्त करने और बातचीत तथा कूटनीति के रास्ते पर तत्काल लौटने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए.

कंबोज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों द्वारा ली गई सदस्यता अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सभी राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता तथा संप्रभुता के सम्मान पर आधारित है. उन्होंने कहा, “इन सिद्धांतों को बिना किसी अपवाद के बरकरार रखा जाना चाहिए.”

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