रांची। Jharkhand में चल रहे सियासी संकट के बीच गुरुवार सुबह से हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की चर्चा चल रही थी. सोरेन ने देर शाम कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें 5 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव मंजूर किया गया. माना जा रहा है कि सोरेन भी दिल्ली की तरह विधानसभा में विश्वास मत साबित कर सकते हैं. हालांकि राज्य सरकार ने इसके लिए मानसून सत्र के दौरान एक दिन की कार्रवाई छूट जाने का कारण बताया है.
एक महीना प्लेन में घूमेंगे ‘वीआईपी’
इसके अलावा कैबिनेट ने राज्य सरकार की तरफ से एक चार्टर प्लेन किराये पर लेने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. यह प्लेन एक महीने के लिए किराये पर लिया गया है. कैबिनेट प्रस्ताव में इस विमान को सरकारी काम निपटाने के लिए वीआईपी और वीवीआईपी लोगों की यात्रा के लिए लिया गया है.
माना जा रहा है कि यह विमान सोरेन ने अपने विधायकों को किसी दूसरे राज्य में ले जाकर रखने के लिए किराये पर लिया है ताकि भाजपा उन्हें तोड़ने की कोशिश नहीं कर सके.
राज्यपाल से मिले हैं सत्ताधारी गठबंधन के नेता
इससे पहले गुरुवार दोपहर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस (Congress) के सत्ताधारी गठबंधन के नेता राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) से मिलने पहुंचे. उन्होंने राज्यपाल को अपने समर्थक विधायकों का पत्र सौंपा, जिसमें विपक्षी दल भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया गया है.
विधायकों ने राज्यपाल कार्यालय से बातें लीक होने का आरोप भी लगाया और इसी कारण सरकार पर संकट के बादल छाने की बात कही. उन्होंने राज्यपाल से स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया. पत्र में विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री के अयोग्य घोषित होने का असर सरकार पर नहीं होगा, क्योंकि गठबंधन के पास पर्याप्त संख्या में विधायक हैं. पत्र में राज्यपाल से स्थिति स्पष्ट करने के लिए चुनाव आयोग से भी सलाह लेने का आग्रह किया गया.
दो दिन में स्थिति स्पष्ट करेंगे राज्यपाल
बाद में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु टिर्की (Bandhu Tirkey) ने मीडिया से कहा कि राज्यपाल ने अपने कार्यालय से कुछ भी लीक होने से इंकार किया है. साथ ही कहा कि राज्यपाल ने पूरे मामले में स्थिति स्पष्ट करेंगे. टिर्की ने कहा, मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं दे रहे हैं. राज्यपाल ने इस मामले में कानूनी राय मांगी है और हमें आश्वस्त किया है कि अगले दो दिन में सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा.