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जोमैटो प्रो ने नए साइनअप, नवीकरण रोका, नए प्रीमियम प्लान की बना रही योजना

नई दिल्ली, 22 अगस्त  ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने अपने लॉयल्टी डाइनिंग मेंबरशिप प्रोग्राम ‘प्रो’ के लिए नए यूजर्स को साइनअप करना या पुराने सब्सक्रिप्शन को रिन्यू करना बंद कर दिया है, क्योंकि दीपिंदर गोयल द्वारा संचालित कंपनी एक नया प्रोग्राम तैयार करने के लिए ग्राहकों और रेस्तरां भागीदारों के साथ काम कर रही है. यह कदम तब आया, जब महामारी में अशांत समय का सामना करने के बाद अब देशभर में बढ़िया भोजन वाले रेस्तरां खुले हैं और लोग अब रात के खाने के लिए परिवारों के साथ बाहर जाना पसंद कर रहे हैं.

ऑनलाइन फूड एग्रीगेटर ने 2020 में जोमैटो प्रो और 2021 में जोमैटो प्रो प्लस लॉन्च किया था, ताकि यूजर्स को प्राथमिकता वितरण, मनी-बैक गारंटी और बहुत कुछ जैसे अतिरिक्त भत्तों का आनंद मिल सके.

फूड टेक यूनिकॉर्न ने अपने गोल्ड सब्सक्रिप्शन प्रोग्राम का नाम बदलकर जोमैटो प्रो कर दिया था. कंपनी ने अपने प्रीमियम एप्रो प्लस प्रोग्राम को पहले ही बंद कर दिया है.

जोमैटो के प्रवक्ता ने आईएएनएस को दिए एक बयान में कहा कि “जोमैटो प्रो और प्रो प्लस को उसके ग्राहकों और व्यापारियों द्वारा बहुत पसंद किया गया है, हम चाहते हैं कि यह और भी खासकर सबसे व्यस्त ग्राहकों और व्यापारी भागीदारों के लिए फायदेमंद हो.”

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “हम फीडबैक ले रहे हैं और एक नया कार्यक्रम तैयार करने के लिए अपने ग्राहकों और रेस्तरां भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. इस बीच, हम जोमैटो प्रो और जोमैटो प्रो प्लस में नए सदस्यों और मर्चेट पार्टनर्स को शामिल नहीं कर रहे हैं.”

जबकि सक्रिय सदस्य अपने वादे के अनुसार अपने लाभ प्राप्त करना जारी रख सकते हैं, एक बार उनकी सदस्यता अवधि समाप्त होने के बाद वे अपनी सदस्यता का विस्तार/नवीकरण नहीं कर पाएंगे.

जोमैटो ने कहा कि यह ‘बहुत जल्द एक बड़ा, बेहतर अनुभव के साथ आने का वादा करता है.’

जोमैटो के प्रतिस्पर्धी स्विगी का अपना लॉयल्टी प्रोग्राम भी है, जिसे स्विगी वन कहा जाता है. यह इसके सदस्यों को 99 रुपये से अधिक के ऑर्डर पर चुनिंदा रेस्तरां से असीमित मुफ्त डिलीवरी और त्वरित वाणिज्य सेवा इंस्टामार्ट से असीमित मुफ्त डिलीवरी की अनुमति देता है.

30 जून को समाप्त तिमाही में जोमैटो को 185.7 करोड़ रुपये का समेकित घाटा हुआ, जबकि पिछली तिमाही में उसे 359.7 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.

समेकित राजस्व 844.4 करोड़ रुपये (पिछले साल की समान तिमाही) से 67 प्रतिशत बढ़कर 1,413.9 करोड़ रुपये हो गया जो पिछली तिमाही में 1,211.8 करोड़ रुपये से 16.68 प्रतिशत अधिक था.

जोमैटो के संस्थापक और सीईओ दीपिंदर गोयल ने कहा, “पिछले कुछ महीनों में बाजार के संदर्भ में बदलाव के साथ, विकास पर हमारे ध्यान से समझौता किए बिना, लाभप्रदता पर हमारा ध्यान तेज हो गया है.”

उन्होंने कहा कि कंपनी बुद्धिमानी से खर्च करने और कम लागत वाली संस्कृति को लगातार मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ‘विशेषकर हमारे जैसे व्यवसाय में इस समय घाटे में चल रहा है.’

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