
अमृतसर: अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को कड़ी सजा सुनाई है। उनके साथ शिरोमणि अकाली दल सरकार के अन्य कैबिनेट सदस्यों को भी धार्मिक दुराचार के आरोप में सजा दी गई। इस सजा के तहत इन सभी नेताओं को स्वर्ण मंदिर अमृतसर में सेवा करने और जूठे बर्तनों तथा जूतों की सफाई करने का आदेश दिया गया। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने यह आदेश अकाल तख्त के ‘फसील’ से सुनाया।
सुखबीर सिंह बादल ने सोमवार को स्वीकार किया था कि अकाली दल की सरकार के दौरान उन्होंने डेरा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलाने में भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, 2015 में पवित्र किताबों के अपमान मामले में दोषियों को सजा न दिलवाने का मामला भी था।
अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को ‘तनखैया’ (धार्मिक दुराचार का दोषी) भी घोषित किया था। इसके अलावा, सुखबीर के पिता, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से ‘फख्र-ए-कौम’ की उपाधि वापस लेने का निर्णय भी लिया गया।
सजा के तहत सुखबीर और सुखदेव ढिंढसा को एक घंटे तक बर्तनों और जूतों की सफाई करने, साथ ही ‘कीर्तन’ सुनने का आदेश दिया गया। अन्य अकाली नेताओं को भी स्वर्ण मंदिर में एक घंटे तक बाथरूम की सफाई करने और गुरु का लंगर सेवा में बर्तनों की सफाई करने का निर्देश दिया गया।