
जैसलमेर: भारत ने राजस्थान के जैसलमेर स्थित पोखरण फायरिंग रेंज में स्वदेशी रूप से विकसित VSHORADS (Very Short Range Air Defence System) मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है, जिससे देश की रक्षा क्षमताओं को और मजबूती मिली है। DRDO द्वारा किए गए इन परीक्षणों में तीन सफल उड़ानें हुईं, जो आधुनिक तकनीक से सुसज्जित हैं और भविष्य में भारतीय सेना को दुश्मनों के हवाई खतरों से निपटने में महत्वपूर्ण मदद करेंगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर DRDO, भारतीय सेना और उद्योग जगत को बधाई दी। उन्होंने इसे सेना के लिए एक बड़ा तकनीकी बढ़ावा करार दिया, जो हवाई खतरों को काबू करने में अहम भूमिका निभाएगा।
VSHORADS मिसाइलें बेहद कम दूरी पर दुश्मन के विमानों, ड्रोन और अन्य हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए तैयार की गई हैं, और यह भारतीय सेना की पुरानी इग्ला मिसाइलों को बदलने में मदद करेंगी, जिन पर सेना पिछले कई वर्षों से निर्भर थी। इन मिसाइलों का विकास पिछले कुछ सालों से जारी था, और अब इसके उत्पादन में निजी कंपनियां भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
इसके साथ ही, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग (IPRD) 2024 को संबोधित करते हुए भारत की क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के साथ-साथ, देशों के बीच सहयोग और सामूहिक विकास के लिए प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अपनी समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय साझेदारी के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, और इसका प्रयास किसी अन्य देश के हितों के खिलाफ नहीं है।
इस सफल परीक्षण और क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता से यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और वैश्विक मंच पर एक मजबूत सुरक्षा भागीदार के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है।