
बिलासपुर। बिलासपुर शहर में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत आए लाखों करोड़ों रुपए वारे न्यारे हो रहे हैं। ना तो गुणवत्तायुक्त काम हो रहा है और न हीं जनता से जुड़ा हुआ काम किया जा रहा है। पता नहीं किसको खुश करने के लिए यहां विकास के कार्य कराए जा रहे हैं।ठेकेदार अलग विभाग की फाइल निकाल कर जमा डीडी को कैश करा कर शासन के नियमों को धता बता रहे हैं।
राज्य सरकार के एक साल पूरे हो चुके हैं। अब विभागीय योजनाओं की समीक्षा होने लगी है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने नगरीय निकाय के प्रमुख अधिकारियों से योजनाओं के प्रगति को लेकर समीक्षा की। एक प्रकार से कहा जाए तो उन्होंने उत्कृष्ट कार्य शैली के साथ गुणवत्ता बनाए रखने पर जोर दिया किंतु एक तरफ वह अच्छे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
वहीं दूसरी तरफ साव ने समीक्षा बैठक के दौरान बिलासपुर के नगर निगम आयुक्त से यह जानने का प्रयास भी नहीं किया कि बिलासपुर में किस तरह से गड़बड़ झाला चल रहा है। ठेकेदारों के द्वारा शासन को चूना लगाने के तमाम उपाय अपनाए जा रहे हैं टेंडर लेने के लिए जमा की गई निविदा राशि का डीडी ठेकेदार निगम के ऑफिस से निकाल कर बदल दे रहा हैं। निकाले गए डीडी की जगह पर उसका कलर फोटोकापी जमा कर शासन को अंगूठा दिखाया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि यह मामला आयुक्त से लेकर कलेक्टर तक को पता नहीं है उसके बाद भी उस ठेकेदार के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है जबकि यह एक घोर अपराध है।
बताया जा रहा है कि शहर के ही निगम ठेकेदार कमल सिंह ठाकुर ने शहर के दो कार्यों की जिसकी लागत करीब 77 लाख की थी उसकी दो डीडी कर्मचारियों से मिली भगत कर निकाल कर उस डीडी की राशि का आहरण कर लिया और उसकी जगह पर उसकी कलर फोटोकापी जमा कर दी। इसकी जानकारी सामने आने के बाद निगम आयुक्त ने उस ठेकेदार को नाममात्र का जुर्माना लगाकर मामले को रफा दफा कर दिया,जबकि ठेकेदार की यह हिमाकत बड़ी गंभीर है। इस मामले में ठेकेदार के खिलाफ एफ आई आर होनी चाहिए थी साथ ही उसकी फर्म्स को ब्लैक लिस्ट किया जाना था मगर इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई।
किसी भी ठेकेदार की यह करतूत किसी भी विभाग के लिए शोभा नहीं देती है। इतना सब होने के बाद भी नगरीय प्रशासन मंत्री ने समीक्षा में निगम आयुक्त से इस संबंध में पूछपरख तक नहीं की जो समझ से परे है। स्मार्ट सिटी योजना से बिलासपुर शहर में कराए जा रहे हैं अरबो रुपए के कार्यों में भी गुणवत्ता और नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं न जाने यह अधिकारी और ठेकेदार इस शहर को कहां ले जाना चाहते हैं।