
चाइनीज मांझे से हो रहे हादसे रोकने के लिए देशभर में अभियान चलाकर निगरानी बढ़ाई जाएगी. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को चाइनीज मांझे का निर्माण, खरीद-फरोख्त, स्टोरेज और इस्तेमाल बंद कराने के निर्देश दिए हैं. इस तरह के धागे या सामग्री का निर्माण करने वाले उद्यमों पर भी सख्ती की जाएगी.
दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में चाइनीज मांझे के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं. यहां तक की कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है. इतना ही नहीं, मांझा से पक्षी भी जख्मी हो रहे हैं. पंद्रह अगस्त और मकर संक्रांति के आसपास दुर्घटनाएं बढ़ जाती है. दिल्ली में लगभग दो साल पहले ही चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध की कवायद की गई थी. लेकिन, देश के दूसरे हिस्सों में हो रहे इसके निर्माण के चलते दिल्ली और एनसीआर में चोरी-छिपे चाइनीज मांझा बेचा जा रहा है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इस साल चाइनीज मांझे के इस्तेमाल की रोकथाम के निर्देश दिए थे. इसी क्रम में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) और प्रदूषण नियंत्रण समितियों (पीसीसी) को निर्देश जारी किया है.
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी एसपीसीबी और पीसीबी को तीस दिनों के अंदर इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है. ताकि, इस स्थिति का समग्र आकलन करके आगे के अभियान की योजना बनाई जा सके.
इन पर रहेगी पाबंदी
चाइनीज मांझा, नॉयलान, सिंथेटिक सामग्री का धागा और कांच के लेप वाले धागों के पतंगबाजी में इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी. इसके निर्माण, खरीद-फरोख्त, स्टोरेज, इस्तेमाल आदि पर रोक रहेगी. इसका निर्माण करने वाली अवैध फैक्टरियों पर पूरी तरह से तालाबंदी की जाएगी. एसपीसीबी और पीसीसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि इससे मिलती-जुलती सामग्री का निर्माण करने वाली वैध लाइसेंस धारक फैक्टरियों में भी इसका निर्माण न किया जाए.
हर साल घोषणा पत्र देना होगा
सीपीसीबी ने कहा है कि रेयॉन, टायर कोर्ड, पोलिएस्टर फिलामेंट यार्न जैसे सिंथेटिक फाइबर बनाने वाले उद्यमों को हर साल घोषणापत्र (डिक्लेयरेशन) देनी होगी. इसमें उन्हें बताना होगा कि वे जो उत्पाद बना रहे हैं वे वैध जगहों पर ही जा रहे हैं.