
रोचक मुकाबला वर्ली में: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वर्ली सीट पर मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है। शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने इस सीट से मिलिंद देवड़ा को उम्मीदवार बनाया है, जबकि उनके सामने शिवसेना यूबीटी के आदित्य ठाकरे हैं। यह चुनावी जंग दोनों नेताओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
शिंदे का चुनावी रणनीति
एकनाथ शिंदे का प्लान स्पष्ट है—आदित्य ठाकरे को एक कड़े मुकाबले में फंसाना। वर्ली से देवड़ा को उतारकर, शिंदे ने एक तगड़ी चुनौती पेश की है। देवड़ा के राजनीतिक अनुभव और पिछली उपलब्धियों को देखते हुए, यह मुकाबला बेहद रोमांचक होने की उम्मीद है।
मिलिंद देवड़ा का अनुभव
मिलिंद देवड़ा, जो पहले कांग्रेस में थे, अब राज्यसभा सांसद हैं। उन्होंने 3 बार दक्षिण मुंबई से सांसद रहने का अनुभव प्राप्त किया है। वर्ली में पिछली लोकसभा चुनाव में भी उनकी रणनीति ने उन्हें एक मजबूत स्थिति में रखा था, जिससे आदित्य ठाकरे को केवल 6500 मतों की बढ़त मिली थी।
ठाकरे का आत्मविश्वास
आदित्य ठाकरे ने नामांकन के बाद कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि महाविकास अघाड़ी की सरकार बनेगी। वह जनता के समर्थन पर भरोसा करते हैं और उनका मानना है कि उनकी पार्टी वर्ली में मजबूती से खड़ी रहेगी।
मनसे का प्रभाव
वर्ली सीट पर मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है, क्योंकि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने संदीप देशपांडे को चुनावी मैदान में उतारा है। इससे तीनतरफा मुकाबला होगा, जो आदित्य ठाकरे के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है।
देवड़ा की कांग्रेस से दूरी
मिलिंद देवड़ा ने इस साल जनवरी में कांग्रेस से इस्तीफा दिया और फिर शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए। उनका यह कदम राजनीतिक समीकरणों को बदलने का प्रयास है। उनके पिता मुरली देवड़ा भी एक प्रमुख कांग्रेस नेता रह चुके हैं, जो उनके राजनीतिक सफर को प्रभावित कर सकता है।
चुनाव की समयसीमा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को एक चरण में होंगे और मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी। ऐसे में सभी दल अपनी चुनावी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।
संभावित परिणाम
वर्ली में होने वाले इस चुनावी मुकाबले का परिणाम न केवल स्थानीय राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा में भी महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। सभी की नजरें अब इस दिलचस्प जंग पर टिकी हुई हैं।