
बेंगलुरु . चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की सफल सॉफ्ट लैंडिग के बाद अब प्रज्ञान रोवर इससे बाहर निकल आया है. यह चांद की सतह पर घूमकर मिट्टी के नमूने इकट्ठा करेगा और खनिज संरचना से जुड़े तथ्य जुटाएगा. वहीं, लैंडर चांद के वातारण में हवा और पानी का पता लगाएगा. इसरो ने एक्स पर पोस्ट में कहा, भारत ने चांद पर सैर की.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक्स पर पोस्ट किया, चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान मेड इन इंडिया और मेड फॉर मून है यानी प्रज्ञान रोवर को भारत में चांद के लिए तैयार किया गया है. प्रज्ञान रोवर लैंडर से एक रैंप की जरिये चांद की सतह पर पहुंचा. अब यह चांद की सतह पर घूमकर अध्ययन करेगा. प्रज्ञान रोवर में मौजूद अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर के जरिए चंद्रमा की सतह का अध्ययन किया जाएगा, ताकि यहां की रासायनिक संरचना की जानकारी प्राप्त की जा सके और खनिज संरचना का अनुमान लगाया जा सके. इसके अलावा इसमें मौजूद लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप चांद की मिट्टी और चट्टानों की संरचना का पता लगाएगा. इसरो के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन एक चंद्र दिवस या 14 दिन तक सीमित नहीं होगा. जब चांद पर सूर्य दोबारा से उगेगा तो अध्ययन जारी रखने के लिए मिशन दोबारा शुरू किया जाएगा.
सूर्य अभियान की लॉन्चिंग दो सितंबर को संभव
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो अगले कुछ दिनों में सूर्य अभियान लॉन्च करने का ऐलान कर सकता है. इसरो ने इसके लिए दो सितंबर की तिथि प्रस्तावित की है लेकिन अंतिम घोषणा बाकी है. इसरो सूत्रों ने कहा, जल्द स्थिति साफ की जाएगी. आदित्य एल-1 में सात पे लोड भेजे जाने हैं. इसके जरिए सूर्य का करीब से अध्ययन किया जाना है.