
Delhi: दिल्ली को मिल सकता है अनुसूचित जाति का पहला मुख्यमंत्री। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, आम आदमी पार्टी (AAP) कुलदीप कुमार को इस पद के लिए विचार कर रही है। यह फैसला पार्टी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा सियासी संदेश हो सकता है, खासकर हरियाणा और महाराष्ट्र में जहां अनुसूचित जाति के वोटर महत्वपूर्ण हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव पर भी इसका असर पड़ सकता है।
इस समय, मुख्यमंत्री की दौड़ में मौजूदा मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज भी शामिल हैं। पार्टी अगले दो दिन में सबसे बेहतर विकल्प का चयन करेगी। पार्टी का लक्ष्य अब दिल्ली और पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में भी अपनी पकड़ मजबूत करना है, जैसे हरियाणा और महाराष्ट्र जहां अनुसूचित जाति के मतदाता महत्वपूर्ण हैं।
दिल्ली में फरवरी में चुनाव संभावित हैं, और नए मुख्यमंत्री को चुनावी मोड में काम करना होगा। इस बीच, अरविंद केजरीवाल और अन्य वरिष्ठ नेता जनता के बीच रहेंगे, जिससे नए मुख्यमंत्री के अनुभव या अनुभवहीनता का प्रभाव कम हो सकता है।
दिल्ली में अब तक कोई मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति से नहीं था। पहले के मुख्यमंत्री अलग-अलग जातियों और समुदायों से थे। लोकसभा चुनावों में भी आप ने अनुसूचित जाति कार्ड खेला था, और कुलदीप कुमार पर दांव लगाया था।
आतिशी की भी मजबूत दावेदारी है, क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने उन पर भरोसा जताया है और उनके पास सरकारी अनुभव है। सौरभ भारद्वाज का नाम भी चर्चा में है।
अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे के लिए दो दिन का समय मांगा है, और पार्टी नेतृत्व इस समय में सहमति बनाएगी। हालांकि, इससे जुड़े खतरे भी हैं, जैसे कि किसी नेता का पार्टी की रणनीति से भटकना।