
बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर साइबर क्राइम पुलिस निष्क्रिय बैंक खातों से पैसा निकालने के मामलों में लगातार एक्शन मोड में है। पुलिस ने गुरुवार को 11 राज्यों में फैले करोड़ों के साइबर धोखाधड़ी मामले में चार और लोगों नवल सैनी, अंकित सैनी, योगेश सैनी और डेविड गौतम को गिरफ्तार किया। इस मामले में निष्क्रिय बैंक खातों से पैसे निकालने का आरोप है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या आठ हो गई है। यह धोखाधड़ी अप्रैल में तब सामने आई जब बुलंदशहर के एक दिहाड़ी मजदूर मोहम्मद असलम ने पाया कि उनके बंधन बैंक खाते से 1.95 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। उसका खाता दिसंबर 2022 से निष्क्रिय था।
बुलंदशहर साइबर क्राइम पुलिस लगातार मामले की जांच कर रही है। दरअसल, दूसरे राज्य में दर्ज शिकायत के सिलसिले में हरियाणा की एक साइबर टीम उनके घर आई, जिसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। 18 मई को बीएनएस धारा 318(4) (धोखाधड़ी) और आईटी अधिनियम की धारा 66सी और 66डी के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने पाया कि खाते को दूसरे मोबाइल नंबर का उपयोग करके फिर से सक्रिय किया गया था और बड़े मूल्य के लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया गया था।
11 राज्यों में फैला जाल
पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि पूरा मामला 11 राज्यों में दर्ज साइबर धोखाधड़ी की शिकायतों से जुड़ा था। इससे पहले गिरफ्तार किए गए लोगों में बंधन बैंक (अब उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक) के पूर्व शाखा प्रबंधक अंकित कुमार और बैंक कर्मचारी शुभम कौशिक और जितेंद्र कुमार के साथ बलराम शामिल थे। ये सभी बुलंदशहर के निवासी हैं। गिरोह ने कथित तौर पर बंधन बैंक की बुलंदशहर शाखा में निष्क्रिय खातों को निशाना बनाया।