
ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय ने शनिवार को लंदन के वेस्टमिंस्टर एबे में शाही ताज पहना. किंग चार्ल्स के साथ-साथ क्वीन कंसोर्ट कैमिला को भी ताज पहनाया गया. शाही ताज पहनने से पहले उन्होंने एक शपथ ली. इस शपथ में उन्होंने कहा कि वह ब्रिटेन के सभी लोगों पर न्याय और दया के साथ शासन करेंगे. King Charles ने ये भी कहा कि वह ऐसे वातावरण को बढ़ावा देंगे, जहां सभी धर्मों और विश्वासों को मानने वाले लोग आजाद होकर रह सकेंगे. क्वीन कैमिला ने कोहिनूर वाला ताज पहनने से इनकार किया था औऱ उनकी ताजपोशी भी ऐसे ही ताज से हुई.
हिंदू, सिख, मुस्लिम, बौद्ध और यहूदी समुदायों के प्रतिनिधियों ने चार्ल्स की ताजपोशी से पहले एबे में जुलूस निकाला. समारोह के दौरान ब्रिटिश संसद के उच्च सदन के भारतीय मूल के सदस्यों ने चार्ल्स को पारंपरिक पोशाक सौंपी. चार्ल्स और कैमिला शाही बग्घी में सवार होकर वेस्टमिंस्टर पैलेस से एबे पहुंचे.
एबे पहुंचने पर चार्ल्स का करीब 2,200 लोगों के समूह ने अभिवादन किया, जिनमें सौ देशों के राष्ट्राध्यक्ष और समुदायों के प्रतिनिधि भी शामिल थे. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी डॉ सुदेश धनखड़ ने इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया.
समारोह में प्रिंस विलियम पत्नी केट और बच्चों के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए तो वहीं प्रिंस हैरी भी पत्नी मेघन मार्कल और अपने बच्चों के साथ समारोह में शिरकत की.
ताज पहनाने की परंपरा पुरानी
बकिंघम पैलेस ने कहा, ताज पहनाने की परंपरा करीब हजार वर्ष पुरानी है, जो धार्मिक महत्व रखती है. यह रस्म काफी पवित्र और पारंपरिक है, जो आज के समय महाराजा की भूमिका को प्रदर्शित करती है.
किंग चार्ल्स तृतीय और रानी कैमिला को उनके राज्याभिषेक पर हार्दिक बधाई. हमें यकीन है कि आने वाले वर्षों में भारत-ब्रिटेन संबंध और मजबूत होंगे.
– नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री