
नई दिल्ली . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नया भारत नई नीतियों और रणनीतियों के साथ आगे बढ़ रहा है. उनकी सरकार अतीत के प्रतिक्रिशील दृष्टिकोण को छोड़कर प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के मामलों में सक्रियता से काम कर रही है. साथ ही कहा कि मुद्रा योजना का मजाक उड़ाने वालों को सामान्य जन की क्षमताओं का एहसास नहीं है.
मोदी ने रोजगार मेले को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि लघु एवं सूक्ष्म उद्यमों के लिए मुद्रा ऋण परियोजना से आठ करोड़ से अधिक नए उद्यमी पैदा हुए हैं. सरकार की नीतियों एवं रणनीतियों ने नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं. उन्होंने उन लोगों पर भी निशाना साधा, जो खुद को बड़ा अर्थशास्त्रत्त्ी मानते हैं. ये बड़े कारोबारियों को फोन पर कर्ज देते थे और आज मुद्रा योजना का मजाक उड़ा रहे हैं. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका कटाक्ष स्पष्ट रूप से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर था. चिदंबरम ने हाल ही में मुद्रा योजना पर सवाल उठाया था और आश्चर्य जताया था कि 50,000 रुपये के ऋण के साथ किस तरह के व्यवसाय शुरू किए जा सकते हैं. मोदी ने कहा कि इस योजना के तहत 23 लाख करोड़ का ऋण दिया गया है.
दुनिया भारत की ओर रेख रही
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जहां पूरी दुनिया कोविड के बाद मंदी से जूझ रही है. वहीं, दुनिया भारत को एक उभरती के रूप में देख रही है.
पूंजीगत व्यय में चार गुना का इजाफा
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में केंद्र सरकार ने पूंजीगत व्यय में चार गुना की वृद्धि की है, जिसकी वजह से न सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़े बल्कि लोगों की आय में भी वृद्धि हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान गांव से लेकर शहरों तक, भारत में रोजगार के करोड़ों अवसर पैदा करने वाला अभियान है. मोदी ने कहा कि जब सरकार पूंजीगत व्यय पर खर्च करती है तो बड़े पैमाने पर सड़क, रेलवे, बंदरगाह जैसी बहुत सी चीजें तैयार हो जाती हैं.