
खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में अमेरिका की अदालत ने भारत सरकार और शीर्ष अधिकारियों को समन जारी किया है। इस पर भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी, stating कि यह पूरी तरह से अनुचित और निराधार आरोप हैं।
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया:
- अनुचित आरोप: मिस्री ने कहा कि ये आरोप बिना किसी ठोस आधार के हैं और भारत की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा।
- पन्नू का संगठन: उन्होंने बताया कि पन्नू जिस संगठन का नेतृत्व करता है, वह UAPA के तहत प्रतिबंधित है और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है।
कानूनी पहलू:
- न्यूयॉर्क की अदालत ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पूर्व रॉ चीफ सामंत गोयल को भी समन भेजा है।
- निखिल गुप्ता को पिछले साल चेक गणराज्य में अरेस्ट किया गया था और उन्हें इस साल अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट:
द वाशिंगटन पोस्ट ने इस मामले में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत सरकार ने खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के आरोपों का कोई आधार नहीं है।
भारत सरकार ने अमेरिका की अदालत के समन पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए इसे एक प्रयास बताया है जो भारतीय एजेंसियों की छवि को धूमिल करने का उद्देश्य रखता है।