
दिल्ली चुनाव 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का प्रचार खत्म हो चुका है, और अब सभी चुनावी गतिविधियाँ बंद हो गई हैं। 5 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले, दिल्ली के मुस्लिम मतदाता अभी भी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि वे अपना वोट किसे दें। भाजपा को हराना उनकी प्राथमिकता है, लेकिन विकल्प की सही पहचान को लेकर कोई स्पष्टता नहीं दिख रही।
कई मुस्लिम मतदाताओं का मानना है कि भाजपा को हराने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) को समर्थन देना सबसे सही कदम है। उनका तर्क है कि केवल AAP ही भाजपा के मुकाबले में खड़ी होने की सामर्थ्य रखती है, जबकि कांग्रेस का कमजोर संगठन उसे जीतने की संभावनाओं से दूर रखता है।
वहीं, कांग्रेस का एक समर्थक वर्ग भी है, जो पार्टी के नेता राहुल गांधी को ऊंचा मानते हैं। उनका कहना है कि राहुल गांधी ने हमेशा अल्पसंख्यकों के मुद्दों को प्राथमिकता दी है। 2020 के दिल्ली दंगों में AAP के नकारात्मक रवैये से कुछ मुस्लिम मतदाता कांग्रेस की ओर झुकाव महसूस कर रहे हैं।
इसके साथ ही, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी एक विकल्प के रूप में उभर रही है। मतदाताओं के एक हिस्से का मानना है कि AIMIM मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को सीधे उठाने का काम कर रही है और इससे लाभ भी मिल सकता है।
दिल्ली के मुस्लिम मतदाताओं की दुविधा को स्पष्ट करते हुए, 23 वर्षीय आईटी प्रोफेशनल मुरतजा नय्यर कहते हैं, “दिल कहता है कांग्रेस को वोट दूं, लेकिन दिमाग कहता है कि वोट बंटने से भाजपा को फायदा होगा।” यह दुविधा वास्तविकता है जो अनेक मतदाताओं में पाई जा रही है।
अंततः, दिल्ली के मुस्लिम मतदाता अभी यह तय नहीं कर पाए हैं कि वे झाड़ू (AAP), हाथ (कांग्रेस) या पतंग (AIMIM) में से किसे चुनें। चुनाव का परिणाम इस बात पर निर्भर करेगा कि अंतिम समय में समुदाय कौन-सी रणनीति अपनाता है।