
नई दिल्ली . सीबीआई ने ‘फीडबैक यूनिट’ के जरिए जासूसी करने के मामले में गुरुवार को दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते फरवरी महीने में सीबीआई को मुकदमा दर्ज करने और जांच करने की मंजूरी दी थी.
इन आरोपों में मुकदमा दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री सिसोदिया के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी ने आपराधिक षड्यंत्र, लोकसेवकों द्वारा आपराधिक रूप से भरोसा तोड़ने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप लगाते हुए विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है.
शुरुआती जांच में सबूत मिलने का दावा सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई को शुरुआती जांच में सबूत मिले कि एफबीयू ने राजनीतिक खुफिया जानकारी इकट्ठा की. इसके बाद ही सीबीआई ने 12 जनवरी, 2023 को इस मामले में एक रिपोर्ट पेश की और उपराज्यपाल (एलजी) से भ्रष्टाचार के मामले में मनीष सिसोदिया और अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की. दिल्ली के उपराज्यपाल की अनुशंसा के बाद गृह मंत्रालय ने सीबीआई को जांच की अनुमति दी थी.
एफआईआर में इनके नाम सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में सिसोदिया के अलावा कई बड़े नाम शामिल हैं. इसमें तत्कालीन विजिलेंस सचिव सुकेश कुमार जैन (आईआरएस 1992), मुख्यमंत्री के स्पेशल एडवाइजर और एफबीयू के संयुक्त निदेशक राकेश कुमार सिन्हा, फीडबैक यूनिट के उप निदेशक प्रदीप कुमार पुंज, दिल्ली सरकार के फीडबैक ऑफिसर के रूप में कार्यरत रहे सतीश खेत्रपाल, मुख्यमंत्री के एंटी करप्शन एडवाइजर गोपाल मोहन के नाम शामिल हैं.