
दौसा . पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने फिलहाल किसी नए राजनीतिक कदम का ऐलान करने से परहेज कर कांग्रेस हाईकमान को फिलहाल राहत जरूर दी है मगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर परोक्ष रूप से निशाना साध यह संकेत तो दिया ही कि सुलह-समझौते का सम्मानजनक फार्मूला निकाले जाने के लिए अंतहीन इंतजार नहीं करेंगे.
सचिन पायलट ने कहा कि जनता का विश्वास उनके लिए सबसे बड़ी पूंजी है. वह किसी भी सूरत में अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे. लोगों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे.
सचिन पायलट ने रविवार को दौसा के गुर्जर छात्रावास में अपने पिता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने पिता की एक प्रतिमा का अनावरण भी किया. पायलट ने कहा कि उनके पिता ने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया, क्योंकि उनके लिए जनहित सर्वोपरि था. वह अपने पिता के विचारों और आदर्शों का सदैव अनुसरण करते रहेंगे.
दौसा के गुर्जर छात्रवास में एक सभा को संबोधित करते हुए सचिन ने कहा कि उनका राजनीतिक उद्देश्य स्पष्ट है कि देश और राज्य में राजनीति साफ-सुथरी हो और भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. युवाओं की उम्मीद को ध्वस्त नहीं होने देना चाहिए. वसंधुरा सरकार में हुए कथित खनन घोटाले की जांच में देरी को लेकर गहलोत का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए पायलट ने मुख्यमंत्री की ”हर गलती सजा मांगती है” की टिप्पणी का हवाला दिया और कहा कि भ्रष्टाचार का यह मामला भी सजा की मांग करता है.
उन्होंने कहा कि जनता के बीच विश्वास को कायम रखना उनकी पहली प्राथमिकता है. लोगों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए वह हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. पायलट ने कहा कि वह पिछले 20-22 वर्षों से राजनीति में हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे लोगों के विश्वास में कमी आए. स्थिति चाहे कैसी भी हो, वह लोगों की आवाज को उठाते रहेंगे.
सीएम के समक्ष तीन मांगें रखीं
1. राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग कर इसका पुनर्गठन करना
2. भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने से प्रभावित युवाओं को मुआवजा देना
3. भाजपा सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराना