
नई दिल्ली/कोलकाता . लोकसभा की आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप पर समिति की रिपोर्ट लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला के कार्यालय को सौंप दी है. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
समिति ने गुरुवार को एक बैठक में बहुमत से उस रिपोर्ट को स्वीकार किया था, जिसमें रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने संबंधी आरोपों के मामले में तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा को संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की अनुशंसा की गई है. गुरुवार को समिति की बैठक में उपस्थित 10 सदस्यों में से छह ने 479 पेज की रिपोर्ट के समर्थन में मतदान किया, जबकि चार विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया. बिरला अभी कोटा में हैं और उनके दिवाली (12 नवंबर) के बाद राष्ट्रीय राजधानी लौटने की संभावना है. उसके बाद वह रिपोर्ट पर कार्रवाई कर सकते हैं.
बाहरी को आईडी नहीं दे सकते भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा- अगर कोई सांसद कहता है कि मेरे ओटीपी का इस्तेमाल चार अन्य लोगों की ओर से किया जाता है, तो यह गलत है. सरकार ने ऐसा कोई अधिकार नहीं दिया है. सचिवालय ने सभी सांसदों के लिए एक पीए दिया है, लेकिन आप किसी बाहरी व्यक्ति को अपना लॉगिन आईडी नहीं दे सकते.
‘मुद्दे उठाने वालों को केंद्र चुप कराना चाहता है’
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को दावा किया कि केंद्र सरकार अडानी समूह के कथित कोयला घोटाले को उठाने वाले लोगों का मुंह बंद करना चाहती है. उन्होंने यह भी दावा किया कि लोकसभा से निष्कासित करने की आचार समिति की सिफारिश उसी दिशा में हताशा भरा कदम है.
उन्होंने कहा, अडानी 13,000 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले में शामिल हैं. किसी भी अन्य देश में इस वजह से सरकार गिर जाती. इसलिए वे लोग इसे दबाए रखने के लिए बेचैन हैं.
2024 के चुनाव में बड़ी जीत में मदद मिलेगी
महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को कहा कि वह 2024 के चुनावों में बड़े जनादेश के साथ वापस आएंगी.
सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में महुआ ने कहा, संसदीय इतिहास में उस आचार समिति द्वारा अनैतिक रूप से निष्कासित की जाने वाली पहली व्यक्ति बनने पर गर्व है, जिसके अधिकार क्षेत्र में निष्कासन शामिल ही नहीं है.